Srijan Scam Bihar: बिहार के भागलपुर में हुए बहुचर्चित सृजन घोटाले की जांच जारी है. इस घोटाले में सीबीआई ने हाल में ही बड़ी सफलता पाई जब संस्था की संचालिका मनोरमा देवी की बहू सह सृजन संस्था की सेक्रेटरी रजनी प्रिया को लंबे अरसे के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं इस घोटाले में अब एक और बड़ा कदम उठाया गया है. एक और दागी कर्मी की मुश्किलें बढ़ी हैं. सृजन घोटाला मामले में जिला परिषद के पूर्व नाजिर राकेश कुमार की बर्खास्तगी की अनुशंसा कर दी गयी है. वहीं सहकारिता कार्यालय ने सीबीआइ को सृजन संस्था का बैलेंस शीट भेजा है.
सृजन घोटाला मामले में जिला परिषद के पूर्व नाजिर राकेश कुमार की बर्खास्तगी की अनुशंसा जिप के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी कुमार अनुराग ने कर दी है. जिला परिषद की विशेष बैठक 30 अक्तूबर को होगी, जिसमें बर्खास्तगी की अनुशंसा पर निर्णय लिया जायेगा. डीडीसी ने बताया कि वह किसी कर्मी को बर्खास्त नहीं कर सकते हैं. बर्खास्तगी से कम पेनाल्टी पर ही निर्देश दे सकते हैं. इस कारण उन्होंने पूर्व नाजिर की बर्खास्तगी की अनुशंसा की है. अब बोर्ड को निर्णय लेना है. बैठक में जिला परिषद के पूर्व नाजिर राकेश कुमार पर कार्रवाई करने से संबंधित निर्णय लिया जायेगा. अब बोर्ड निर्णय लेगा कि राकेश कुमार के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी.
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बता दें कि पूर्व नाजिर राकेश कुमार सृजन घोटाला मामले के आरोपित हैं. उनके खिलाफ जिला प्रशासन ने विभागीय कार्यवाही संचालित की थी. विभागीय कार्यवाही पूरी हो चुकी थी. संचालन पदाधिकारी सह अपर समाहर्ता ने इसकी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी थी. कार्यवाही की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने का निर्देश डीडीसी को दिया गया था. काफी विचार-विमर्श के बाद इस संबंध में जिला परिषद को अनुशंसा की गयी. अब परिषद की विशेष बैठक में निर्णय लेने के बाद निर्देश दिया जायेगा.
बिहार के चर्चित सृजन घोटाला मामले में जिला सहकारिता कार्यालय ने सीबीआइ को सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड का बैलेंस शीट भेज दिया है. इसमें सृजन संस्था के खाते से संबंधित ब्योरा भेजा गया है. यह 2008-09 से 2016-17 तक का है. इसी दौरान घोटाले होने के मामले का खुलासा हुआ था.
जिला सहकारिता पदाधिकारी अमजद हयात बर्क ने बताया कि सीबीआइ ने सृजन का बैलेंस शीट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था. इसे भेज दिया गया है. साथ ही वर्ष 2007 से 2017 तक भागलपुर में पदस्थापित रहे जिला सहकारिता पदाधिकारियों की सूची भी सीबीआइ को भेजी गयी है. इसमें पदाधिकारियों के योगदान की तिथि से लेकर कार्यकाल की अंतिम तिथि अंकित की गयी है. उन्होंने बताया कि पदाधिकारियों की सूची दोबारा भेजी गयी है. वहीं सृजन संस्था के बायलॉज में पांच बार संशोधन किया गया था. इसकी रिपोर्ट भी सीबीआइ ने उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था, जो भेज दी गयी है. ज्ञात हो कि सीबीआइ सृजन घोटाले की जांच कर रही है.
गौरतलब है कि सृजन घोटाला मामले में अबतक कई नाजिरों की परेशानी बढ़ चुकी है. तीन पूर्व नाजिर को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है. एक पूर्व नाजिर जेल में हैं. कुछ महीने पहले भागलपुर के डीएम सुब्रत सेन ने डीआरडीए के पूर्व नाजिर अरुण कुमार को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया था. इससे पहले जिला भू-अर्जन कार्यालय के पूर्व नाजिर राकेश कुमार झा और जिला नजारत शाखा के नाजिर रहे ओम श्रीवास्तव की बर्खास्तगी हो चुकी है. तीनों पर आरोप प्रमाणित हो गए थे.
भागलपुर की सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड संस्था ने सरकारी खजाने में सेंधमारी की थी. बिहार का यह बड़ा घोटाला निकला जिसे सृजन घोटाला नाम से जाना जाता है. जब इस घोटाले की जांच शुरू हुई तो हजारों करोड़ का यह घोटाला पकड़ में आया था. 2004 से 2014 के बीच घोटाले का बड़ा खेल चला. बता दें कि वर्ष 2017 में इस घोटाले का खुलासा हुआ था. सृजन संस्था की संचालिका मनोरमा देवी की मौत हो चुकी है. उनका बेटा अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया फरार थे. रजनी प्रिया की हाल में गिरफ्तारी हुई. उसने सीबीआई को बताया कि उसके पति अमित कुमार की मौत हो चुकी है. हालांकि उसकी जांच जारी है. बता दें कि सृजन घोटाला मामले में करीब एक दर्जन आरोपित पटना के बेऊर जेल में बंद हैं. उनकी जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट तक से खारिज हो रही है. सृजन घोटाला मामले में कई बड़े पदाधिकारी भी उलझे. भागलपुर के पूर्व डीएम वीरेंद्र यादव का नाम भी चार्जशीट में है और गिरफ्तारी वारंट तक निकल चुका है.