पटना. इडी ने सृजन घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है. इसके अंतर्गत यूपी के गाजियाबाद में मौजूद करीब 10 प्रमुख आरोपितों के सात फ्लैट और छह दुकानों को अंतिम रूप से जब्त कर लिया है. इन अभियुक्तों की फेहरिस्त में भारती ठाकुर भी शामिल हैं, जो एक प्रशासनिक अधिकारी की पत्नी बतायी जा रही हैं.
ये प्रशासनिक अधिकारी सबौर के सीओ, भागलपुर के जिला पंचायती राज पदाधिकारी व जमुई के डीडीसी रह चुके हैं. इडी की नयी दिल्ली स्थित एजुकेटिंग अथॉरिटी (विशेष विभागीय अदालत) के स्तर से इस संबंध में विस्तृत आदेश जारी कर दिया गया है.
ये सभी सात फ्लैट गाजियाबाद की सबसे लग्जरी अपार्टमेंट कॉलोनी गार्डेनिया के अलग-अलग लोकेशन यानी फेज-1 या 2 में मौजूद हैं. इसमें एक फ्लैट का वर्तमान बाजार मूल्य दो से ढाई करोड़ रुपये है. कुछ फ्लैट की कीमत इससे भी ज्यादा है.
ये सभी फ्लैट सृजन घोटाले के सभी प्रमुख आरोपित या उनकी पत्नियों के नाम से हैं. इसके अलावा जो दुकानें जब्त की गयी हैं, वे भी इसी गार्डेनिया सोसाइटी या इसके आसपास ही मौजूद हैं. दुकानों को भी कई आरोपितों ने अपनी-अपनी पत्नी के नाम पर बुक करा रखा है.
इन संपत्तियों को इडी ने शुरुआती स्तर पर इसी वर्ष जब्त किया था. इसके बाद यह मामला इडी की एजुकेटिंग अथॉरिटी में चला गया. वहां से अंतिम स्तर पर इन्हें जब्त करने का फैसला आ गया है. सीबीआइ की दर्ज एफआइआर के आधार पर इडी ने 2018 में इसीआइआर (इन्फोर्समेंट केस इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट) दर्ज कर सृजन घोटाले की जांच शुरू कर दी है. इस मामले में इडी पीएमएलए से जुड़े सभी पहलुओं की खासतौर से जांच कर रही है.
दिवंगत मनोरमा देवी के पुत्र अमित कुमार व बहू रजनी प्रिया, आस्था लाल (पुत्री सीमा कुमारी), डॉ. प्रणव कुमार, डॉ अमिना बानो अंसारी, भारती ठाकुर, रूबी कुमारी (पति बिपिन कुमार ) व अन्य.
इस गार्डेनिया सोसाइटी के फेज-2 में दो नंबर की एक दुकान है, जो सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के नाम से खरीदी गयी थी. इसे भी जब्त कर लिया गया है. फिलहाल इस सोसाइटी में सृजन घोटाले से जुड़े कुछ अन्य आरोपितों के नाम पर भी फ्लैट होने का पता चला है. इसकी जांच चल रही है. जल्द ही कुछ अन्य फ्लैटों और दुकानों के बारे में भी जानकारी मिल जायेगी, जिसे सृजन घोटाले के पैसे से यहां खरीदा गया है.
Posted by Ashish Jha