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आरा जेल से 88 बंदी जायेंगे दूसरे जेल, डीएम का आदेश मिलने के बाद भागलपुर भेजे जा सकते हैं बंदी

आरा मंडल कारा में विधि-व्यवस्था को प्रभावित करने वाले बंदियों को चिह्नित कर दूसरे जेल भेजने की तैयारी चल रही है. इसके तहत कारा अधीक्षक की ओर से डीएम और एसपी को प्रस्ताव भेजा गया है.

बिहार के आरा मंडल कारा की विधि-व्यवस्था को प्रभावित करने वाले बंदियों को चिह्नित करते हुए दूसरे जेल भेजने की तैयारी चल रही है. इसके तहत कारा अधीक्षक की ओर से डीएम और एसपी को प्रस्ताव भेजा गया है. उसमें 88 कुख्यात और विचाराधीन बंदियों को भागलपुर या अन्य जेलों में भेजे जाने का अनुरोध किया गया है. इन अफसरों की हरी झंडी मिलने के बाद चिह्नित बंदियों को दूसरे जेलों में भेजा जा सकता है. इन बंदियों में अखिलेश उपाध्याय, नईम मियां, प्रकाश चौधरी, मिठाई यादव, बोतल महतो, कुख्यात बालू माफिया विदेशी राय उर्फ अमरेश राय, नित्यानंद सिंह और ब्रजेश मिश्रा सहित अन्य शामिल हैं.

डीएम का आदेश मिलने के बाद भागलपुर भेजे जा सकते हैं बंदी

पहले भी आपराधिक षड्यंत्र रचने के आरोप में 19 बंदियों को भागलपुर सेंट्रल जेल व शहीद जुब्बा शाहनी केंद्रीय कारा भेजा जा चुका है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कारा अधीक्षक की ओर से तीन अलग-अलग डेट में डीएम और एसपी को पत्र भेजकर बंदियों को दूसरे जेलों भेजने का अनुरोध किया गया है. उसके तहत गत 10 दिसंबर को 36,12 को 45 और 13 दिसंबर को सात बंदियों को भागलपुर या दूसरे जेल भेजे जाने का अनुरोध किया गया है. डीएम और एसपी को भेजे गये पत्र में कारा एवं सुधार सेवाएं के आइजी को भी अनुशंसा करने की बात कही गयी है.

मारपीट और आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप

कारा प्रशासन की ओर से जेल ट्रांसफर के लिए चिह्नित बंदियों पर गंभीर आरोप लगाये गये हैं. इन बंदियों पर गुटबाजी, उपद्रव, मारपीट और आपराधिक षड्यंत्र करने का आरोप लगाया गया है. डीएम और एसपी को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि चिह्नित बंदियों द्वारा भीड़ इकट्ठा कर उपद्रव व अनशन कराया जाता है. बंदियों को मारपीट के लिए उकसाया जाता है. इससे शांति भंग होती है और जेल की विधि व्यवस्था प्रभावित होती है. इन बंदियों द्वारा कारा कर्मियों को जान से मारने की धमकी दी जाती है और मुलाकाती के दौरान अपने सहयोगियों से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है.

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19 बंदियों को दूसरे जेल भेजा गया था

बताते चलें कि क्राइम और अपराधियों का जेल कनेक्शन सामने आने के बाद जिला प्रशासन की ओर से छापेमारी की गयी थी. उसमें मोबाइल, चार्जर और मादक पदार्थ सहित अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया था. उसके बाद डीएम के आदेश पर जेल में तीन दिनों तक ऑपरेशन क्लीन चलाया गया था. उस दौरान भी काफी संख्या में मोबाइल बरामद हुआ था. तब अपराधियों पर जेल से मोबाइल के जरिए आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप लगा था. उस मामले में 19 बंदियों को दूसरे जेल भेजा गया था.

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