बिहार में चार एनएच का करीब 338 किमी लंबाई में निर्माण इस साल से मार्च 2024 तक पूरा हो जायेगा. इसमें नरेनपुर-पूर्णिया, अररिया-गलगलिया, पिपराकोठी- मोतिहारी-रक्सौल और पटना-गया- डोभी सड़क शामिल हैं. इन सभी का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है. इनके बनने से एक दर्जन जिलों में आवागमन बेहतर होगा. साथ ही पश्चिम बंगाल, झारखंड और नेपाल से बेहतर कनेक्टिविटी विकसित होगी. इससे राज्य का आर्थिक और सांस्कृतिक विकास होगा.
सूत्रों के अनुसार अररिया-गलगलिया फोरलेन एनएच का निर्माण दो पैकेज को मिलाकर करीब 94 किमी लंबाई में हो रहा है. इसे पूरा करने की समय सीमा नौ जनवरी 2024 है. इसमें जमीन अधिग्रहण की समस्या सुलझ चुकी है. साथ ही मुआवजे का भुगतान जिला प्रशासन कर रहा है.
बता दें कि अररिया-गलगलिया फोरलेन एनएच का निर्माण दो पैकेज में होना है. दोनों फेज को मिलाकर करीब 94 किमी लंबाई में इस सड़क का निर्माण हो रहा है. मेसर्स जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड को 10 जनवरी 2022 को इसके निर्माण की जिम्मेदारी दी गई थी. 9 जनवरी 2024 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस सड़क प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण की समस्या अब सुलझ चुकी है. साथ ही मुआवजे का भुगतान भी जिला प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है. जिस रफ्तार से सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है तो प्रोजेक्ट की प्रगति से इसी साल इस सड़क पर आवागमन शुरू होने की संभावना है. बताते चलें कि पहले पैकेज के तहत अररिया-गलगलिया के सड़क प्रोजेक्ट में गलगलिया से बहादुरगंज तक करीब 49 किलोमीटर की लंबाई में फोरलेन सड़क बन रही है. करीब 800.23 करोड़ की लागत से इस पैकेज का काम पूरा होगा. वहीं दूसरे पैकेज में बहादुरगंज से अररिया तक करीब 45 किलोमीटर लंबाई में सड़क बनने का काम हो रहा है. यह फोरलेन सड़क करीब 799.14 करोड़ की लागत से बन रही है.
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नरेनपुर-पूर्णिया फोरलेन एनएच का निर्माण करीब 49 किमी लंबाई में 1905 करोड़ से हो रहा है. इसका निर्माण 18 मार्च 2021 को शुरू हुआ था. इसका निर्माण अंतिम चरण में है. इसके बनने से सीमांचल के इलाके में आवागमन की सुविधा में बढ़ोतरी होगी.
सीमांचल में पूर्णिया-नरेनपुर फोरलेन सड़क निर्माण कार्य पूरा होने का इंतजार लोगों को बेसब्री से है. यह प्रोजेक्ट 1324.63 करोड़ की लागत से बन रहा है. 47.04 किलोमीटर लंबाई वाले पूर्णिया-नरेनपुर सड़क प्रोजेक्ट में 43.57 किलोमीटर में फोरलेन जबकि शे 2.03 किलोमीटर लंबी कटिहार बाइपास रोड समेत तीन R.O.B भी बनाए जाएंगे. बता दें कि यह बिहार की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में एक है. बिहार-झारखंड के बीच मनिहारी-साहेबगंज में गंगा नदी पर पुल बनने के बाद बिहार के कोसी क्षेत्र को झारखंड से जोड़ेगा. वहीं कटिहार में महानंदा पर निर्मित पुल से होकर पश्चिम बंगाल से भी संपर्क बनेगा. इस सड़क के बनने से सीमांचल के विकास को एक नयी दिशा मिलेगी. इसके निर्माण की जिम्मेदारी 18 मार्च 2021 को मेसर्स अशोक बिल्डकॉन लिमिटेड को दी गई थी.
पिपराकोठी-मोतिहारी-रक्सौल फोरलेन एनएच-28ए और 527डी का निर्माण 68.6 किमी लंबाई में 400 करोड़ से हो रहा है. इस सड़क परियोजना का काम 2019 में शुरू किया गसा और अब इस सड़क परियोजना का काम भी अब अंतिम चरण में है. इस सड़क के बनने से नेपाल तक आावगमन की सुविधा बेहतर हो सकेगी. नेपाल बॉर्डर से उत्तर बिहार का संपर्क मजबूत होगा.
पटना-गया-डोभी फोरलेन एनएच के तीनों पैकेज का करीब 127 किमी लंबाई में निर्माण करीब 1609 करोड़ की लागत से मार्च 2024 तक पूरा होने की संभावना है. इस सड़क के बनने से पटना से झारखंड आवागमन में सुविधा होगी.
पटना-गया- डोभी फोरलेन सड़क निर्माण का मामला अदालत तक पहुंच गया. इस सड़क में पांच रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का निर्माण बेहद धीमी गति से होने के कारण व अन्य कई अड़चनों के कारण तय समय सीमा से अधिक समय निकल चुका है. बता दें कि 3 पैकेज मं करीब 127 किलोमीटर की लंबाई में यह प्रोजेक्ट बन रहा है. इस सड़क प्रोजेक्ट में पैकेज एक के तहत पटना के नत्थुपुर से मसौढ़ी तक दो आरओबी का निर्माण होना है. दूसरे पैकेज में जहानाबाद शहर में एक आरओबी व तीसरे पैकेज में गया बाइपास में दो आरओबी बनना है. पटना-गया-डोभी सड़क बनने से पटना से गया-बोधगया और डोभी जाने वाली गाड़ियों को जाम की समस्या से मुक्ति मिलेगी. पटना के नत्थुपुर में यह सड़क पटना-आरा-बक्सर एनएच को जोड़ेगी. बोधगया में यह सड़क बिहारशरीफ से जुड़ जाएगी. वहीं डोभी में कोलकाता-दिल्ली स्वर्णिम चतुर्भुज राजमार्ग से यह सड़क जुड़ेगी.