BPSC Topper : बीपीएससी 67वीं (67th BPSC Result) में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले पटना जिले के बेढ़ना के रहने वाले अमन आनंद (Aman Anand Bpsc Topper) लगातार दूसरे प्रयास में सफल रहे हैं. अमन को 66वीं बीपीएससी में भी 52वां रैंक था और वह मधुबनी में रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर के पद पर तैनात हैं. उन्होंने शुरू से ही दिल्ली में रहकर पढ़ाई की है. उनका सब्जेक्ट सोशियोलॉजी है. उन्होंने बताया कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उन्हें पहला रैंक प्राप्त होगा. टॉप 30 में आने की सोच रहा था. पिता दिल्ली में ही शिक्षक हैं, जबकि माता गृहिणी हैं. मैं यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी कर रहा था. उसी दौरान बीपीएससी 66वीं व 67वीं की परीक्षा भी दी.
जहानाबाद की निकिता कुमारी ने कहा कि सफलता से काफी खुश हूं. ट्रेनिंग के दौरान ही लोगों ने हल्ला किया कि निकिता बीपीएससी 67वीं की सेकेंड टॉपर है. इससे खुशी का ठिकाना नहीं है. मेरे लिए स्पेशल मोमेंट था. हाल में बीपीएससी द्वारा जारी ऑडिटर रिजल्ट में सफलता पायी थी. इसके बाद अभी ट्रेनिंग चल रही है. बीपार्ड गया में ट्रेनिंग चल रही है. एक सप्ताह के लिए हैदराबाद में आयी हूं. रिजल्ट की खुशी है. यह तीसरा प्रयास है. पहली बार मेंस में शामिल हुई थी. उम्मीद से काफी बेहतर रहा. डीएवी जहानाबाद से 12वीं तक की पढ़ाई हुई. पटना वीमेंस कॉलेज से मैथ में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी हुई. इसके बाद बीएड भी किया. बीपीएससी की तैयारी शुरू से जारी थी. ऑडिटर में सलेक्शन होने से खुश थी, लेकिन बीपीएससी में दूसरा स्थान प्राप्त करने की काफी खुशी है. पिता अजय कुमार देव बीजेपी के जिला अध्यक्ष हैं व माता अनीता कुमारी हाउस वाइफ हैं.
खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत जोरावरपुर पंचायत के वार्ड नंबर 10 नयागांव शिरोमणि टोला निवासी बिनोद चौधरी एवं सुचिता चौधरी की पुत्री अंकिता चौधरी ने सूबे में तीसरा स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है. अंकिता चौधरी का चयन बिहार प्रशासनिक सेवा एसडीएम पद के लिए हुआ है. अंकिता चौधरी ने बोकारो से मैट्रिक एवं इंटर, बिरसा कृषि विवि रांची से स्नातक करने के बाद एमबीए की. 6 माह तक जीविका के बीपीएम पद पर सुल्तानगंज में कार्यरत रहीं. पहली बार में ही उन्होंने सफलता अर्जित की.
भोजपुर जिले के संदेश प्रखंड के सिरकीचक के खालिद हयात को चौथा स्थान प्राप्त हुआ है. छोटी बहन जुबी हयात ने भी 325वीं रैंक प्राप्त कर सफलता अर्जित की है. इनके पिता सैयद जावेद हयात बिहार पुलिस सेवा में हैं. प्रारंभिक पढ़ाई डीएवी कैंट गया में हुई. वीर कुंवर सिंह कॉलेज आरा से अंग्रेजी में स्नातक की पढ़ाई पूरी कर सिविल सेवा की तैयारी में जुट जाने वाले हयात को तीसरे प्रयास में सफलता मिली है. 65वीं में दो तथा 66वीं नौ अंक से चूक गये थे. उन्होंने बताया कि पहली दो असफलता ने कमजोर पहलुओं की पहचान में मदद की.
बेगूसराय के रहने वाले ऋषभ आनंद को बीपीएससी में पांचवां स्थान प्राप्त हुआ है. ऋषभ की पढ़ाई बेगूसराय से ही हुई है. कोचिंग से ज्यादा उन्होंने सेल्फ स्टडी पर ध्यान दिया. बीपीएससी 66वीं में 46वा रैंक प्राप्त किया था. अभी वह वर्तमान में अवर जिला परिवहन पदाधिकारी भागलपुर में हैं. उनका विषय मनोविज्ञान है. उनके पिता किसान हैं और माता सरकारी शिक्षक हैं. उन्होंने बताया कि 90% सेल्फ स्टडी और 10% कोचिंग पर वह डिपेंडेंट रहे हैं जिसके कारण परिणाम बेहतर रहा.
अररिया के प्रियांशु कुमार को छठा स्थान प्राप्त हुआ. प्रियांशु पटना यूनिवर्सिटी सत्र 2016-19 के यूजी केमिस्ट्री व पीजी केमिस्ट्री सत्र 2019- 21 के गोल्ड मेडलिस्ट हैं. इन्हें राज्यपाल द्वारा दो-दो गोल्ड मेडल मिला है. प्रियांशु ने कहा कि सेल्फ की. मुझे असिस्टेंट प्लान ऑफिसर का पद मिला है. यूपीएससी में सफलता प्राप्त करना है. पिता हरि नारायण दास व माता काफी खुश हैं. इससे पहले मेरा सेलेक्शन बीपीएससी के सहायक लोक स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी व सचिवालय सहायक में भी हो गया है.
कोडरमा झुमरी तिलैया की अपेक्षा मोदी को बीपीएससी 67वीं में सातवां स्थान प्राप्त हुआ है. स्कूलिंग व कॉलेज कोडरमा और रांची से पूरी हुई है. पिताजी कोडरमा में एग्रीकल्चर ऑफिसर हैं और माता हाउसवाइफ है. उन्होंने पूरा क्रेडिट अपनी छोटी बहन अंशिका को दिया है उन्होंने बताया कि पढ़ाई के दौरान उनकी छोटी बहन उन्हें प्रेरणा देने का काम करती थी. उन्होंने बताया कि इस परीक्षा के लिए कोई भी कोचिंग नहीं की है. सेल्फ स्टडी व लगातार एकाग्रता से ही परीक्षा में उत्तीर्ण हुई.
बीपीएससी 67वीं में आठवां रैंक हासिल करने वाली सोनल सिंह मूल रूप से भोजपुर की रहने वाली हैं. अभी वह पटना में अपने परिवार के साथ रह रही हैं. सोनल ने बीटेक की पढ़ाई की है. इसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी करने में जुट गयी थीं. इनकी पढ़ाई राजस्थान से हुई है. उन्होंने कहा कि इस परीक्षा की तो तैयारी की ही थी, साथ ही यूपीएससी की भी तैयारी जारी है. मुख्य फोकस यूपीएससी की परीक्षा पर है. पिता धनंजय सिंह व माता नीलूसिंह सफलता से काफी खुश हैं.
मुकेश कुमार यादव को इस बार नौवां रैंक प्राप्त हुआ है. इससे पहले बीपीएससी 66वीं में मुकेश कुमार का रैंक 231वां था. अभी समस्तीपुर रोसड़ा में सप्लाई इंस्पेक्टर हैं. मुकेश कुमार ने बताया कि पढ़ाई लगातार जारी रही थी. परिवार का सपोर्ट हमेशा मिला. पिता रामनंदन यादव व माता रामवेशर देवी का आशीर्वाद मिला और पुन: सफलता मिली है. दरभंगा से पढ़ाई पूरी हुई. फिजिक्स से ग्रेजुएशन किया. वहीं, बीपीएससी में हिंदी साहित्य को ऑप्शन में रखा था. यूपीएससी की भी तैयारी जारी है.
10वीं टॉपर तरुण कुमार पांडे मूल रूप से छपरा के रहने वाले हैं. तरुण कुमार पांडे को बीपीएससी 66वीं में 87वां स्थान प्राप्त हुआ था. वहीं, इस बार 67वीं में 10वां स्थान प्राप्त कर डीएसपी बने हैं. इससे पहले वह मोतिहारी में ब्लॉक पंचायती राज ऑफिसर हैं. इनके पिता किसान हैं और माता हाउसवाइफ हैं. उन्होंने बताया कि इसका पूरा क्रेडिट उनके स्वर्गीय भाई वरुण कुमार पांडे को जाता है. उनके भाई की कोरोना काल में कोविड के कारण मौत हो गयी वह उन्हें बीपीएससी करने की प्रेरणा देते थे.