बिहार के पूर्व सांसद आनंद मोहन बेटे की सगाई के बाद मंगलवार को सहरसा पहुंच गए हैं. बताया जा रहा है कि वो आज जिला कारा में आत्मसमर्पण करेंगे. उन्होंने सहरसा जाने से पहले पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बेटे चेतन आनंद की सगाई के लिए पेरोल मिला था. अब, वापस बुधवार की सुबह जेल में सरेंडर करूंगा. इसके बाद जेल की प्रक्रिया पूरी करके फिर वापस जेल से आएंगे. रिहाई का फैसला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आलोक में लिया गया है, ऐसे में इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. आनंद मोहन ने राजनीतिक सक्रियता का सवाल जवाब देते हुए कहा कि वो जेल से बाहर आने के बाद अपने दोस्तों और मतदाताओं के साथ बैठकर बात करेंगे फिर कोई फैसला लेगें.
आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हुई थी. इसके बाद वो करीब 16 वर्ष से जेल में बंद हैं. उनके उपर भीड़ को उकसाने का भी आरोप है. हाल ही में राज्य सरकार ने कानून में संशोधन करते हुए आनंद मोहन समेत 27 कैदियों को रिहा करने का आदेश जारी किया था. हालांकि, मामले में मृतक डीएम की पत्नी ने नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने पूर्व सांसद की रिहाई का विरोध किया है.
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सरकार के द्वारा कानून में संशोधन करके आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ करने का राजनीतिक विरोध भी हो रहा है. आईएएस संगठन ने राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा का कहना है कि जब आनंद मोहन को रिहा किया जा सकता है तो शराब पीने के आरोप में जो हजारो लोग जेल में बंद हैं, उनको भी सरकार रिहा करे. हालांकि, मामले में आनंद मोहन ने साफ कहा कि उन्होंने अपने हिस्से की सजा काट ली है. और जो फैसला लिया जा रहा है वो सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में लिया जा रहा है.