बांका के सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत चमरेली नवटोलिया में बम ब्लास्ट से हुए मदरसा ध्वस्त व इमाम की मौत के बाद कई टीम अलग-अलग बिंदुओं पर जांच कर रही है. सेंट्रल आइबी, एटीएस व एसआइटी मुख्य रूप से शामिल है. वहीं गुरुवार को डीएम सुहर्ष भगत व एसपी अरविंद कुमार गुप्ता ने इस मामले में प्रेस कांफ्रेंस कर जरुरी पुष्टि की. उनके मुताबिक, मदरसा ब्लास्ट में एसआइटी की जांच में लोकल बम प्रयोग होने की बात सामने आयी है. किसी भी एंगल से जांच में आइडी ब्लास्ट के साक्ष्य नहीं मिले. बम पूरी तरह स्थानीय था.
चूंकि, घटना स्थल से बम बांधने में प्रयोग करने वाला सुतली, कील, व कंटेनर का टुकड़ा बरामद किया गया. हालांकि, बम कितना शक्तिशाली था, यह एसएफएल टीम की जांच में सामने आयेगा. वहीं इस बम विस्फोट को प्रशासन ने विगत दो गांव के बीच आपसी झड़प के एंगिल से जोड़कर जांच शुरु किया है. वहीं डीएम ने बताया कि मदरसा बोर्ड से संबंधित मदरसा का कोई निबंधन नहीं है. वहीं एसपी ने बताया कि इस हादसे में तबलीगी जमात का कोई कनेक्शन नहीं है.
दम घुटने से हुयी मौलाना की मौत- मदरसा में कार्यरत मौलाना वहां एक कमरे में रहता था. जांच से पता चला है कि बम कक्ष के दरवाजे के दाहिने ओर एक कंटेनर में रखा गया था. बम ब्लास्ट होने के बाद मौलाना की मौत स्वांस नली में धुआं भरने, दम घुटने व भारी मलवा शरीर पर गिरने से हुआ है. साथ ही ऐसा कोई सबूत हाथ नहीं लगा है कि मौलाना खुद बम बना रहा था.
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एटीएस आतंकी संगठन के दृष्टिकोण से कर रही जांच– गुरुवार को पटना से आयी एटीएस की चार सदस्यीय टीम ने दूसरी बार घटना स्थल का दौरा कर मामले की जांच की. एटीएस टीम का नेतृत्व कर रहे इंसपेक्टर रंजीत सिंह ने बताया कि घटना के प्रत्येक पहलू की गंभीरता से जांच की जा रही है. मसलन घटना में विस्फोटक बम की क्षमता क्या थी, बम बनाने में हाइ एक्सक्लूसिव पदार्थ का इस्तेमाल हुआ है कि नही.
Posted By : Avinish Kumar Mishra