भागलपुर में करीब 100 मूर्तियां स्थापित की जाती हैं. लेकिन विसर्जन के दौरान सबसे आगे जुलूस में परबत्ती की बुढ़िया काली प्रतिमा ही रहती हैं. बुधवार की शाम को प्रतिमा बेदी पर से उठाया गया.
विसर्जन जुलूस के दौरान लोग अपने हाथों में तलवार, भाला जैसे परंपरागत हथियार से करतब दिखा रहे थे. दरअसल जुलूस के दौरान ऐसा हर साल होता है.
कहीं-कहीं पर ढोल-ढाक तो कहीं पर बैंड बाजे तो कहीं पर बैंड-बाजे की व्यवस्था की गयी थी. लोग काली मां को विदा करने के दौरान बेहद आनंदित होकर झूमते दिखे. महिला-पुरुष बच्चे सभी आनंदित थे.
महासमिति के अंतर्गत 79 प्रतिमाओं का अलग-अलग जत्था विभिन्न मार्गों से स्टेशन चौक के लिए रवाना हुआ.
विसर्जन शोभायात्रा स्टेशन चौक से वेराइटी चौक, खलीफाबाग, कोतवाली चौक, नयाबाजार, बूढ़ानाथ, दीपनगर, मानिक सरकार, आदमपुर, खंजरपुर होते हुए मुसहरी गंगा तट विसर्जन तालाब में निर्धारित समय दोपहर एक बजे तक पहुंचेगी़.
स्टेशन चौक पर सबसे पहले सभी प्रतिमाओं को लाया जाता है. श्रद्धालु यहां समय से पहले पहुंच गये थे.
Also Read: Bihar: भागलपुर में काली प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा के बारे में जानकर रह जाएंगे दंग, जानें क्या है खास…यहां पर युवाओं की टोली गाजे-बाजे की धुन पर थिरक रहे थे, तो श्रद्धालु पारंपरिक हथियार लहराकर शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे.
मां काली की प्रतिमाओं के दर्शन के लिए बड़ी तादाद में लोगों की भीड़ उमड़ी रही.
बुधवार रात परबत्ती से काली प्रतिमा उठने से पहले सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गयी. केंद्र से मिली एसएसबी कंपनी के जवानों को परबत्ती की प्रतिमा के साथ तैनात किया गया था.
परबत्ती से स्टेशन चौक के मार्ग पर कदम कदम पर पुलिस जवान तैनात दिखे. इनकी निगरानी में विसर्जन जुलूस निकाला गया.
डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी, एएसपी सिटी, सदर एसडीएम, डीएसपी, इंस्पेक्टर, सार्जेंट मेजर विसर्जन यात्रा के दौरान मौजूद थे.
Posted By: Thakur Shaktilochan