बिहार के सरकारी स्कूलों में जल्द ही करीब सवा दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी होगा. इस चरण में शिक्षक और लाइब्रेरियन की नियुक्ति की जायेगी. नियुक्ति के लिए एक आयोग का चयन किया जायेगा. अभी तक जो नियुक्तियां हुई हैं, वह नियोजन इकाई करती रही है. पहली बार 38 जिलों में इतनी ही नियोजन इकाई गठित की जायेगी. सारी मेधा सूची योग्यता और शिक्षक पात्रता परीक्षा के आधार पर बनेगी और जिला प्रशासन के नेतृत्व में बहाली होगी. शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर नेशुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि जल्द ही सातवें चरण के लिए विज्ञापन जारी होने वाला है.
प्रदेश में शिक्षकों के चयन के लिए बनायी जा रही नयी शिक्षक नियुक्ति नियमावली बड़ा परिवर्तन किया गया है. सातवें चरण शिक्षकों के चयन की अनुशंसा एक प्राधिकृत आयोग के जरिये करायी जायेगी. अभी तक चयन की अनुशंसा नियोजन इकाइयां अलग-अलग करती थीं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द सातवां चरण की नियुक्ति होने जा रही है. 2023 नियुक्ति का वर्ष होने वाला है. उन्होंने कहा कि कोई अभ्यर्थी घबराएं नहीं. महीना भर के अंदर में नियोजन नियमावली सबके बीच आ जायेगी.
पुरानी शिक्षक नियुक्ति नियमावली के तहत 9222 नियोजन इकाई थी. प्रस्तावित नयी नियमावली के नियोजन इकाइयों की संख्या केवल 38 होगी. मंत्री ने बताया कि नियुक्ति नियमावली पर कैबिनेट की मंजूरी लेकर जल्दी ही विज्ञापन निकाला जायेगा. केंद्रीयकृत सिस्टम के तहत ऑनलाइन आवेदन लेने की व्यवस्था की जा रही है. आवेदकों को केवल एक आवेदन देना होगा. उनकी उम्मीदवारी उनके दिये गये विकल्पों के अनुसार सभी जगह होगी.
ये हुए बड़े बदलाव
पहले : पहले की नियमावली में पंचायत एवं नगरीय निकाय स्तर पर अलग-अलग नियुक्ति प्राधिकार थे.
पहले : शिक्षकों का संवर्गनियोजन इकाई के अंतर्गत ही होता था.
पहले : प्रयोगशाला सहायकों की नियुक्ति का कोई भी प्रावधान नहीं था
पहले : नियोजन इकाई के अध्यक्ष ही थे नियोजन समिति के अध्यक्ष
अब : नयी नियमावली में जिलास्तर पर एक ही स्थानीय निकाय नियुक्ति प्राधिकार परविचार चल रहा है.
अब : प्रस्तावित नियमावली में एक ही जिलास्तरीय संवर्ग होगा.
अब : विशेष शिक्षक तथाप्रयोगशाला सहायकों की नियुक्ति का प्रावधान
अब : जिलास्तरीय राजपत्रित पदाधिकारी बनेंगे समिति के अध्यक