Bihar AQI Report: बिहार में वायु प्रदूषण (Bihar Air Pollution ) का दौर फिर से लाैट आया है. गुरुवार को बेगूसराय का देश का चौथा सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा. देश के 245 शहरों में बेगूसराय का क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 392 दर्ज किया गया. वहीं, पटना का एक्यूआइ 311 रहा. बीते कुछ दिनों से पछुआ हवा चलने के कारण वायु प्रदूषण में नियंत्रण देखने को मिल रहा था. लेकिन, मंगलवार से अचानक बिहार के जिलों में वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ गयी. शुक्रवार सुबह 8 बजे की एक्यूआई रिपोर्ट के मुताबिक, पटना से अधिक बेगूसराय की हवा प्रदूषित पायी गयी. जहां का एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया गया.
बिहार के 9 शहरों की हवा गुरुवार को राजधानी पटना से अधिक खराब रही. इससे पहले बुधवार को देशभर में सबसे प्रदूषित शहर पूर्णिया रहा था. जहां का एक्यूआई 406 पहुंच गया था. जबकि बुधवार को पटना का एक्यूआई 300 के नीचे दर्ज किया गया था. बता दें कि पिछले दो सालों में सूबे के दर्जन भर से अधिक शहरों की आवोहवा चिंताजनक हुई है. पिछले साल की तरह ही इस साल भी वही स्थिति देखी जा रही है. कुछ शहर ऐसे चिन्हित हुए हैं जिनकी वायु गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं देखा जा रहा है. पिछले दिनों के एक्यूआई रिपोर्ट में पूर्णिया, राजगीर, भागलपुर, मोतिहारी, कटिहार, सहरसा, मुजफ्फरपुर, पटना और हाजीपुर आदि शहरों का एक्यूआई लेवल काफी चिंताजनक दर्ज किया गया है. बेगूसराय और छपरा की आवोहवा भी नवंबर के शुरुआत से खराब ही है.
शहर – गुरुवार का AQI- शुक्रवार का AQI सुबह 8 बजे
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बेगूसराय- 392- 429
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कटिहार- 386-344
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सीवान- 361-371
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आरा- 368-386
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राजगीर- 357-
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पूर्णिया- 354-287
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बेतिया- 344-330
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भागलपुर- 325-328
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समस्तीपुर- 322-
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पटना- 311-359
प्रदूषण नियंत्रण बाेर्ड से मिली जानकारी के अनुसार दो दिनों से अचानक पछुआ हवा रुक जाने के कारण शहरों के वायुमंडल में पीएम 10 पार्टिकल व पीएम 2.5 पार्टिकल की मात्रा ज्यादा हो गयी है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल बिहार में मौसम में बदलाव भी इसका बड़ा कारण हो सकता है. हर साल बिहार में ठंंड के आगमन से वायु प्रदूषण की परेशानी बढ़ जाती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदूषित हवा की कई वजहों में एक पराली समेत अन्य कचरों को जलाना भी है. जबकि खुले में भवन निर्माण का कार्य करना, बिना ढके हुए मिट्टी और बालू का परिवहन, सड़कों पर धूलकल और भारी ट्रैफिक से भी वायु प्रदूषित होती है. तापमान में कमी और ठंड के मौसम में अक्सर धूलकन सतह के करीब आ जाते हैं और हवा को प्रदूषित करते हैं.
भागलपुर जिले में भी प्रदूषण की मार है. जिले का स्टेशन और बरारी क्षेत्र काफी प्रदूषित पाया जा रहा है. अक्सर यहां का एक्यूआई 400 के पार दर्ज किया जाता है जो गंभीर की श्रेणी में आता है. दिवाली के पहले भी शहर का एक्यूआई 400 के पार ही थी. जबकि दिवाली के बाद ये कई बार और अधिक दर्ज किया गया है. धूलकण के कारण भी शहर में प्रदूषण बढ़ रहा है. हवा की गुणवत्ता खराब होने की वजह से सांस के रोगियों को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ठंड के मौसम में इन्वर्सन के कारण मिक्सिंग हाइट कम हो जाती है और सतह के करीब आ जाती है. तापमान में कमी की वजह से प्रदूषक तत्वों की सांद्रता बढ़ती है. भागलपुर जिले में ठंडक का असर बढ़ता जा रहा है. शाम से लेकर सुबह तक धुंध व ठंडी हवा चल रही है. सुबह के समय न्यूनतम तापमान 13 डिग्री तक पहुंच गया. वहीं, अधिकतम तापमान 29.4 डिग्री रहा. धीमी गति से दिनभर शुष्क पछिया हवा चलती रही. वहीं, शहर का वायु प्रदूषण स्थिति काफी खराब रही. अधिकतम एयर क्वालिटी इंडेक्स 366 रहा. बीएयू सबौर के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अनुसार 24 से 28 नवंबर के बीच भागलपुर में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में कमी आयेगी. आसमान भी साफ रहेगा. इस दौरान पश्चिमी हवा चलती रहेगी.
बिहार के मौसम की बात करें तो इस बार की सर्दी कम कंपायेगी. सर्दी के सीजन में तापमान सामान्य से कुछ अधिक रहने की संभावना है. ‘अलनीनो‘ इफेक्ट की वजह से ऐसा होने के आसार हैं. नवंबर माह का तापमान सामान्य से कुछ अधिक रहा है. वहीं प्रदेश में इन दिनों धुंध धा रही है. मौसम विभाग के जानकार बताते हैं कि ये धुंध तापमान कम होने की वजह से नहीं बल्कि प्रदूषण की वजह से देखी जा रही है.
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0-50 अच्छा
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51- 100 संतोषजनक
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101 -200 औसत
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201- 300 खराब
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301- 400 बेहद खराब
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401- 500 गंभीर