बिहार विधानसभा में शुक्रवार को विपक्षी नेताओं ने सदन के अंदर वेल में बैठकर समानांतर सदन की कार्यवाही का संचालन किया. विपक्ष ने भागीरथी देवी को आसन पर बैठाकर पूरी कार्यवाही संचालित की. विपक्षी सदस्य मुख्यमंत्री द्वारा मुजफ्फरपुर की घटना में पीड़ित परिवार के मामले में मंत्री इसराइल मंसूरी के संबंध में सरकार से जवाब की मांग कर रहे थे. इधर , विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी विपक्षी नेताओं के समानांतर बैठक को नजरअंदाज कर सदन की पूरी कार्यवाही संचालित की. सरकार ने विपक्ष की गतिविधियों की तरफ ध्यान नहीं देकर सदस्यों का मुस्तैदी के साथ जवाब दिया.
सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विरोधी दल के नेता विजय कुमार सिन्हा ने आसन की अनुमति लेकर सरकार का ध्यान मुजफ्फरपुर के कांटी थाना में राहुल सहनी की मौत और उसके बाद उसके बहनोई को मिली धमकी की ओर आकृष्ट कराया. उन्होंने बताया कि राहुल की मां कांटी थाने में बैठी हुई है. उसके दामाद को मंत्री इसराइल मंसूरी के लोगों ने धमकी दी है कि वह आवेदन वापस ले नहीं तो उसके बेटे की तरह उसके दामाद को भी मार दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद इस मामले से संबंधित कागजात लिया है. इस पर सरकार जवाब दे कि वह मंत्री इसराइल मंसूरी को कब हटा रही है. इस मामले पर सरकार कब जवाब देगी, यह बताना चाहिए. सरकार की तरफ से जवाब नहीं मिलने पर विपक्ष के सदस्य प्रश्नकाल का बहिष्कार करते हुए सदन से बाहर चले गये. अभी प्रश्नकाल चल ही रहा था कि विपक्ष के सदस्य सदन के वेल में आकर समानांतर कार्यवाही संचालित करने लगे. भाजपा के सदस्य बारी-बारी से राहुल सहनी मामले में एफआइआर की कॉपी के पढ़ते रहे. यह सिलसिला प्रश्नकाल की समाप्ति तक जारी रहा.
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विरोधी दल के नेता विजय सिन्हा को विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने टोका और कहा कि आपको वेल में बैठना शोभा नहीं देता, आप अपने आसन पर आएं. उन्होंने कहा कि सदन किसी भी दवाब में नहीं चलेगा. विपक्ष के लोग बिना कहे सदन में वापस चले आये हैं. उन्होंने भाजपा नेताओं को बताया कि सरकार द्वारा मुजफ्फरपुर मामले को लेकर कार्रवाई चल रही है. सरकार ने मामले को सुन लिया है.