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बिहार: भाजपा के विधानसभा मार्च पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज, दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, विजय कुमार सिन्हा हुए जख्मी

भाजपा का बिहार में शिक्षक भर्ती, भ्रष्टाचार और बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा मार्च शुरू हो गया है. इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल है.

भाजपा का बिहार में शिक्षक भर्ती, भ्रष्टाचार और बिगड़ती कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विधानसभा मार्च शुरू हो गया है. इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल है. आयोजन में बड़ी संख्या में शिक्षक अभ्यर्थी और नियोजित शिक्षकों के साथ नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी और भाजपा के सभी नेता शामिल है. इस मार्च को रोकने के लिए पुलिस के द्वारा डाक बंगला चौराहे पर लाठीचार्ज किया गया है. पुलिस की इस कार्रवाई में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा घायल और कई नेता घायल हुए हैं. बताया जा रहा है कि लाठीचार्ज में कई महिला कार्यकर्ता और नेता भी घायल हु‍ए है. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस के द्वारा डाक बंगला चौराहे पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया जा रहा है. पुलिस ने पूरे मार्च को तितर बितर कर दिया है.

विधानसभा मार्च को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा बड़े स्तर पर तैयारी की गयी थी. विधानसभा के बाहर गेट पर विशेष सुरक्षा के इंतजाम किये गए हैं. मार्च को देखते हुए 60 मजिस्ट्रेट, 3 DSP, 2 सीटी SP, 200 लाठी पार्टी, 50 से अधिक राइफल धारी, 50 महिला पुलिस सहित STF के जवान तैनात किये गए हैं.

यह मार्च गांधी मैदान से शुरू होकर विधानसभा की तरफ बढ़ा. मार्च में भाजपा के विधायक,विधान पार्षद,पदाधिकारी सहित कार्यकर्ता भी शामिल हैं. नेताओं ने मार्च में अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को शामिल होने की अपील की है. इस मार्च के जरिए सरकार से 10 लाख लोगों को नौकरी देने पर जवाब मांगा जायेगा. इससे पहले पार्टी के सभी विधायक और विधान पार्षद सदन जायेंगे और कार्यवाही में भाग लेने के बाद गांधी पहुंचेंगे और फिर मार्च में शामिल होंगे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बुधवार को कहा कि विधानसभा मार्च का मुद्दा स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि आज सरकार वर्षों से शिक्षक का काम रहे लोगों को फिर से परीक्षा देने के लिए बाध्य कर रही है. भाजपा प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी गयी.

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षक भर्ती , भ्रष्टाचार और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर भाजपा की विधान सभा मार्च में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए हैं. अहंकारी सत्ता को जनता की भावना और संगठित शक्ति का एहसास कराया गया है. तेजस्वी यादव ने कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का जो वादा किया था, वह धोखा साबित हुआ। कैबिनेट की 50 बैठकों के बाद एक भी युवा को नौकरी क्यों नहीं मिली? उन्होंने कहा कि राजद ने अपने घोषणा पत्र में “समान काम के लिए समान वेतन” का जो वादा किया था, वह भी धरा रह गया.

सुशील मोदी ने कहा कि इस वादे को ताख पर रख कर महागठबंधन सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए ऐसी नियमावली बनायी कि अब एक विद्यालय में एक ही विषय को पढाने वाले तीन शिक्षकों के तीन वेतनमान होंगे. उन्होंने कहा कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए और टीइटी/एसटीइटी पास जिन अभ्यर्थियों को सरकार केवल आश्वासन दे रही थी, उन्हें अब अविलम्ब नियुक्ति पत्र दिया जाए. नीतीश कुमार ने अगर भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया है, तो नौकरी के बदले जमीन मामले में आरोपपत्र दाखिल होने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का इस्तीफा क्यों नहीं लिया ? उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने राजद से हाथ मिलाने के 11 महीनों में ही जंगलराज -2 का एहसास करा दिया। कानून-व्यवस्था की स्थिति चौपट है और प्रतिदन औसतन तीन हत्याएं हो रही हैं.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार लगातार जनता के हितों की अनदेखी कर रही है. इस सरकार की नीतियां किसान, नौजवान, महिला, शिक्षक और समाज के प्रत्येक वर्ग की विरोधी है. नौकरी मांगने पर युवाओं को, शिक्षकों को लाठियों से पीटा जा रहा है. अपनी सुरक्षा के प्रति चिंतित महिलाओं को, यहां तक कि हमारे किसान भाइयों को भी दौड़ा-दौड़ा कर लाठियों से मारा- पीटा गया है.

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