बिहार: शहरी क्षेत्र में निर्माणाधीन व नये निर्माण होने वाले भवनों की निगरानी अब तीसरी आंख करेगी. मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी में स्थायी रूप से थर्ड पार्टी जांच के लिए कंपनी ( एजेंसी ) को रखने की प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. नगर निगम प्रशासन की ओर से इसके लिए कोटेशन जारी किया गया है. प्रशासनिक तैयारी के अनुसार इस महीने के अंत तक कंपनी को चयनित कर लिया जायेगा. निगम की ओर से जारी शर्तों के अनुसार 25 अप्रैल तक कोटेशन जमा करने की अंतिम तिथि रखी गयी है. वहीं, 28 अप्रैल को निगम के तहत किसी एक एजेंसी को जांच के लिए चयनित किया जायेगा.
मुजफ्फरपुर नगर निगम की ओर से शहर में इस तरह की व्यवस्था पहली बार लागू की जा रही है. इसके तहत कंपनी के योग्य इंजीनियर व आर्किटेक्ट निर्माणाधीन एरिया की जांच करेंगे. चयनित कंपनी को क्या और कैसे काम करना है, इस बारे में 15 बिंदुओं पर कार्य के बारे में गाइडलाइन जारी की गयी है. बता दें कि अभी तक थर्ड पार्टी की व्यवस्था नहीं थी. शिकायत के बाद भी निर्माण स्थल की जांच और कार्रवाई में काफी विलंब होता था.
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थर्ड पार्टी कंपनी की जिम्मेवारी होगी कि वो नगर निगम से स्वीकृत नक्शों का पर्यवेक्षण व जांच करे. भवनों की संरचना का डिटेल के साथ भार का मूल्यांकन कर रिपोर्ट देना. बिल्डिंग बायलॉज से जुड़े मामलों की समीक्षा और रिपोर्ट तैयार करना. मिली शिकायतों और छानबीन के बाद बिल्डिंग प्लान के लिए अप्रूवल करना. निर्माणधीण स्थल पर बिल्डिंग बायलॉज के तहत मॉनिटरिंग और भवनों में प्लमबिंग व बिजली से लेकर अन्य सिस्टम बायलॉज के कोड के अनुसार चल रहा है या नहीं ये सुनिश्चित करना. संरचना का मार्क सही ढंग से हो रहा है, इसे सत्यापित करना. साथ ही, निर्माण में नियमों के उल्लंघन के बारे में रिपोर्ट करना, ताकि निर्माण पर रोक लगायी जा सके. इसके अतिरिक्त भी कई कार्य सौंपे गए हैं.
नगर निगम प्रशासन की ओर से थर्ड पार्टी नियुक्ति के लिए कई तरह की शर्तों को रखा गया है. अपने आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसे जारी किया है. इसके तहत चयनित कंपनी को मुजफ्फरपुर के दस किलो मीटर के दायरा में कार्यालय रखना होगा. इसमें बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर में लैंड लाइन, टेलीफोन, मोबाइल, इंटरनेट, कंप्यूटर, ऑडियो, वीडियो कॉन्फ्रेंस सिस्टम, स्टोनो, सहायक का होना अनिवार्य है.