16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार उपचुनाव: BJP का मजबूत किला लालू यादव का गृह जिला गोपालगंज, साधु यादव के बाद नहीं जीते RJD उम्मीदवार

Bihar Upchunav 2022: बिहार के गोपालगंज में उपचुनाव का एलान कर दिया गया है. ये सीट बीजेपी के खाते में पिछले 4 चुनावों में गयी है. दिवंगत नेता सुभाष सिंह यहां से लगातार जीत दर्ज करते रहे. जानिये महागठबंधन के सामने क्या है चुनौती...

Bihar By Election 2022: बिहार में उपचुनाव का एलान कर दिया गया है. आगामी 3 नवंबर को मोकामा और गोपालगंज विधानसभा (Gopalganj Upchunav) सीट पर वोट डाले जाएंगे. बिहार में सियासी समीकरण बदलने के बाद अब महागठबंधन में जदयू भी शामिल हो चुकी है. गोपालगंज राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का गृहजिला है. लेकिन गोपालगंज विधानसभा में पिछे दो दशक से भाजपा का ही झंडा मजबूत रहा है. राजद अंतिम बार साधु यादव को यहां से उम्मीदवार बनाकर जीत हासिल कर सकी.

सुभाष सिंह ने लगातार 4 बार भाजपा को दिलाई जीत

गोपालगंज की सीट पर भाजपा मजबूत रही है. इस बार भाजपा अपनी सीट बचाने के लिए मैदान में प्रत्याशी उतारेगी. इस सीट पर पिछले 4 विधानसभा चुनाव से भाजपा का दबदबा रहा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुभाष सिंह ने यहां से जीत दर्ज की थी. जिनके सामने बसपा उम्मीदवार साधु यादव तो महागठबंधन की ओर से कांग्रेस प्रत्याशी आसिफ गफूर थे जो पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर के नाती हैं. लेकिन सुभाष सिंह के सामने सभी पस्त हुए और लगातार चौथी बार सुभाष सिंह ने भाजपा को यहां से जीत दिलाई थी.

महागठबंधन झोंकेगी पूरी ताकत

भाजपा नेता सुभाष सिंह का अब निधन हो गया है. जो लगातार भाजपा को यहां से जीत दिलाते रहे. बीजेपी को अब यह तय करना है कि इस सीट पर किसके ऊपर दांव खेलेगी. सियासी पंडितों का अनुमान है कि गोपालगंज उपचुनाव में भाजपा सुभाष सिंह के परिजनों को ही टिकट दे सकती है. वहीं महागठबंधन अब इस सीट पर फिर से कब्जा जमाने के लिए पूरी ताकत लगाएगी. राजद की बात करें तो यहां आरजेडी की जमीन कभी मजबूत बनी रही. 2005 के पहले आरजेडी यहां से जीत दर्ज कर चुकी है.

Also Read: बिहार उपचुनाव: मोकामा में भाजपा ने 1995 के बाद नहीं उतारा उम्मीदवार, अनंत सिंह के गढ़ में चुनौती कड़ी
साधु यादव ने राजद को दिलाई थी अंतिम बार जीत

गोपालगंज सीट पर लालू यादव के साले यानी राबड़ी देवी के भाई साधु यादव ने जीत दर्ज की थी. वर्ष 2000 में वो यहां से जीते थे.लेकिन 2005 से लगातार भाजपा का ही इस सीट पर कब्जा रहा है. दिवंगत नेता सुभाष सिंह यहां काफी लोकप्रिय रहे हैं.

गोपालगंज का समीकरण

गोपालगंज में सवर्ण वोटरों की भी बड़ी भूमिका रहती है जबकि अति पिछड़ा, राजद व मुस्लिम वोटर भी बड़ी तादाद में हैं. राजद और कांग्रेस अधिकतर मुस्लिम उम्मीदवार पर ही दांव खेलती रही है. इस बार जब जदयू और राजद व कांग्रेस एकसाथ है तो ये देखना दिलचस्प रहेगा कि जनादेश किसके पक्ष में रहता है.

Published By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें