Bihar cabinet expansion: बिहार के सीएम नीतीश कुमार जल्द ही कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं. सियासी गलियारे में इसकी सुगबुगाहट तेज दिख रही है. नीतीश कैबिनेट में किन नेताओं को जगह मिलेगी और किस दल को शामिल किया जाएगा, इसे लेकर तरह-तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं. हालांकि राजद और कांग्रेस कोटे से दो-दो मंत्रियों को जगह मिलने की संभावना है. माना जा रहा है कि रविवार तक कैबिनेट विस्तार पर मुहर लग सकती है. प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या वर्तमान में 30 है. प्रावधान के तहत राज्य में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 36 हो सकती है.
सूत्रों के अनुसार कैबिनेट विस्तार में जातीय समीकरणों का ख्याल रखा जायेगा. राजद कोटे से फिलहाल जिन दो चेहरों को मंत्री बनाया जायेगा, उसमें एक भूमिहार और एक राजपूत जाति से हो सकते हैं. पिछली बार इस्तीफा देना वाले कार्तिक कुमार और सुधाकर सिंह इन्हीं दो जातियों से थे. वहीं, कांग्रेस कोटे से एक ब्राह्मण और एक पिछड़ी जाति से मंत्री बनाये जाने की चर्चा है. हालांकि इसे लेकर पुष्ट जानकारी सामने आना बांकि है. वहीं सोशल मीडिया से लेकर फोन तक पर लोग इसकी जानकारी हासिल करने के प्रयास में दिख रहे हैं.
बता दें कि, फिलहाल नीतीश सरकार में कांग्रेस से दो मंत्री बनाये गये हैं. इनमें दलित कोटे से मुरारी प्रसाद गौतम और अल्पसंख्यक आफाक आलम के नाम हैं. शकील अहमद खान को विधायक दल का नेता बनाया गया है. ऐसे में ब्राह्मण और पिछड़ी जाति की इस बार बारी बतायी जा रही है. बता दें कि कैबिनेट विस्तार की अटकलें तब शुरू हुई जब बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने के बाद बिहार वापस लौटे सीएम नीतीश कुमार मलमास मेले का उद्घाटन करने राजगीर गए और वहां से लौटने के कुछ ही समय बाद पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थिति पूर्व सीएम राबड़ी देवी के सरकारी आवास पहुंच गए.
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बुधवार को राबड़ी आवास पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने राजद सुप्रीमो लालू यादव के साथ बंद कमरे में विमर्श किया. इस दौरान डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी उनके साथ मौजूद रहे. सूत्रों ने बताया कि बातचीत का मुद्दा मंत्रिपरिषद विस्तार को लेकर ही था. करीब 35 मिनट तक कमरे में विमर्श के बाद सीएम नीतीश कुमार अपने बंगले पर वापस लौटे थे. हालांकि इस दौरान सीएम मीडिया से मुखातिब नहीं हुए थे.
सियासी सूत्र बताते हैं कि बेंगलुरु से लौटने के बाद ही इस बात को बल मिला था कि मंत्रिपरिषद का विस्तार बिहार में किया जाएगा. दरअसल, कांग्रेस की ओर से लगातार दबाव रहा है कि उसे राज्य सरकार में उचित स्थान मिले.
बताते चलें कि जब विपक्षी दलों की पहली बैठक पटना में आयोजित की गयी थी तो कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष मल्लिाकर्जुन खरगे व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इसमें शामिल हुए थे. बैठक के बाद राहुल गांधी से नीतीश कुमार व लालू यादव के सामने कैबिनेट विस्तार की बात छेड़ दी थी. नीतीश कुमार ने उस दौरान उनसे यह भी पूछा था कि कितने लोगों को मंत्री बनाना है. जिसपर कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने दो लोगों को मंत्री बनाने की बात कही थी और इसका वीडियो सामने आया था.
गौतलब है कि बिहार में अब महागठबंधन की सरकार है. पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए को बहुमत मिला था और नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा व जदयू समेत अन्य दलों ने मिलकर सरकार बनाई थी. लेकिन 2022 में सूबे के सियासी समीकरण बदल गए. जदयू और भाजपा के बीच रिश्तों में कड़वाहट आई और जदयू ने खुद को एनडीए से अलग कर लिया. नीतीश कुमार एकबार फिर से लालू यादव के साथ आए और महागठबंधन में जदयू को भी शामिल करा लिया.
सूबे में नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनी. तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने. जबकि कांग्रेस से भी मंत्री बनाए गए थे. अब मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज हुई है. कांग्रेस और राजद की ओर से मंत्री बनने के आसार लग रहे हैं. कांग्रेस की ओर से लगातार यह दबाव आ रहा था. अब जब विपक्षी दलों की एकता के लिए नीतीश कुमार बड़ी पहल कर चुके हैं तो कांग्रेस भी अब सूबे में अपने मंत्रियों की संख्या को बढ़ाने के प्रयास में लगी है.
Published By: Thakur Shaktilochan