Explainer: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर विपक्षी दल एकजुट हुए हैं . भाजपा को लोकसभा चुनाव 2024 में केंद्र की गद्दी से दूर रखने के उद्देश्य से विपक्षी खेमों की गोलबंदी हुई है. एक नया गठबंधन तैयार किया गया है जिसका नाम I.N.D.I.A रखा गया है. वहीं अब एक नयी चर्चा इन दिनों सियासी गलियारे में छिड़ी हुई है कि क्या नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. दरअसल, इन दिनों जदयू की ओर से लगातार इससे जुड़े बयान सामने आ रहे हैं जिसके बाद अब इसे लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं.
जब 1989 में नौंवा लोकसभा चुनाव हुआ तब नीतीश कुमार पहली बार उम्मीदवार बनकर चुनावी मैदान में उतरे थे. उस समय बिहार और झारखंड एक हुआ करता था. 1985 में पहली बार विधायक बने नीतीश कुमार 1989 के इस चुनाव में बाढ़ लोकसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार संसद पहुंचे थे. 1991 में भी नीतीश कुमार ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. नीतीश कुमार 6 बार लोकसभा चुनाव जीते. अंतिम बार उन्होंने नालंदा से चुनाव लड़ा था. नीतीश बाढ़ और नालंदा दो सीटों से चुनाव लड़ने उतरे थे. बाढ़ से उन्हें हार तो नालंदा से उन्हें जीत मिली थी. ये नीतीश कुमार का आखिरी लोकसभा चुनाव था.
2004 में नीतीश कुमार ने अंतिम बार चुनाव लड़ा और अब 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके सियासी मैदान में उम्मीदवार बनकर उतरने की चर्चा छिड़ गयी है. ये कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा को हराने के लिए पूरी ताकत झोंके और विपक्षी दलों को एकजुट करके वोट के बिखराव को रोकने की तैयारी में लगे नीतीश कुमार क्या 20 साल के बाद एकबार फिर से किसी लोकसभा क्षेत्र ताल ठाेकेंगे. दरअसल, जदयू की ओर से लगातार आ रहे बयानों ने इस चर्चा को बल दे दिया है.
गुरुवार को बिहार के ऊर्जा, योजना व विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि विभिन्न राज्यों के कार्यकर्ताओं ने सीएम नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए आमंत्रित किया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सिर्फ बिहार के नहीं, बल्कि पूरे देश के नेता हैं. उन्हें बिहार व यूपी समेत कई राज्यों से लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव आया है. हालांकि मंत्री ने कहा कि उचित समय आने पर मुख्यमंत्री इस विषय में स्वयं निर्णय लेंगे.
बता दें कि इस बयान के एक दिन पहले बुधवार को ग्रामीण विकास मंत्री और यूपी जदयू के प्रभारी श्रवण कुमार ने इससे जुड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि जदयू कार्यकर्ताओं ने यूपी से सीएम नीतीश कुमार को लोकसभा चुनाव लड़ाने की मांग की जानकारी दी थी . जदयू कार्यालय में जनसुनवाई के बाद मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के लोकसभा चुनाव लड़ने या किस सीट से लड़ने के मामले में वह स्वयं समय आने पर निर्णय लेंगे. मंत्री ने कहा था कि कार्यकर्ता नीतीश कुमार को उत्तर प्रदेश के फूलपुर, फतेहपुर या प्रतापगढ़ से चुनाव लड़ने की मांग करते हैं. उत्तर प्रदेश के सभी वर्गों के लोग बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में हुए विकास कार्यों से उत्साहित हैं.
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वहीं समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने भी इससे जुड़ा बयान दिया और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में लंबे अरसे तक सक्रिय रहे हैं. राष्ट्रीय नेता के तौर पर उनकी एक छवि है. देश के किसी भी लोकसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री चुनाव जीतने में सक्षम हैं. हालांकि मदन सहनी ने नीतीश कुमार को बिहार से चुनाव लड़ने की सलाह दी और इसके पीछे की वजह बताते हुए बोले कि बिहार से होने के कारण उन्हें यहीं से लड़ना चाहिए.
बता दें कि केवल मंत्रियों के बयान ही नहीं बल्कि पूर्व में जदयू के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का भी ऐसा बयान सामने आ चुका है. ललन सिंह ने पिछले साल सितंबर महीने में कहा था कि जदयू के कार्यकर्ताओं व यूपी के आम जनों की ये मांग है कि नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव लड़ें. यूपी के फूलपुर, अंबेडकरनगर और मिर्जापुर की सीट पर चुनाव लड़ाने की मांग यूपी की जनता कर रही है. उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार के लिए अन्य राज्यों की जनता भी कह रही है. फिलहाल विपक्षी दलों को एकजुट करके भाजपा को हराना प्राथमिकता है. ललन सिंह ने कहा था कि अगर यूपी में अखिलेश यादव व नीतीश कुमार एकसाथ चुनावी प्रचार करे तो भाजपा बेहद कम सीटों पर सिमट जाएगी.
बता दें कि नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को एकजुट करने की पहल की है. सूबे के सूचना एवं जनसंपर्क सह जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा नीतीश कुमार के बेहद करीबी नेताओं में एक माने जाते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कहां से चुनाव लड़ेंगे, इसे लेकर क्षेत्र तय नहीं है. इसपर कोई फैसला नहीं लिया गया है. ऐसी कोई बात भी अभी नहीं है. फूलपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा के बारे में जवाब देते हुए बोले कि बिहार की जनता की सेवा में अभी सीएम तत्पर हैं. भाजपा के खिलाफ देशभक्त विपक्षी दलों को वो एकजुट कर रहे हैं.
जदयू नेताओं की ओर से लगातार आ रहे बयान से ये कयास जरूर लगाए जा रहे हैं कि शायद नीतीश कुमार फिर एकबार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. लेकिन चुनावी क्षेत्र को लेकर अभी कोई मजबूत दावेदारी नहीं की गयी है. वहीं ये भी तय नहीं हुआ है कि क्या नीतीश कुमार चुनाव लड़ेंगे? विपक्षी दलों की अगली बैठक मुंबई में होने जा रही है जिसमें सीटों के बंटवारे पर कुछ पहल की जा सकती है. फिलहाल नीतीश कुमार या उनके हवाले से कोई मजबूत बयान नहीं आया है कि नीतीश कुमार चुनाव लड़ने मैदान में उतरेंगे. वहीं खुद के पीएम कंडिडेट वाले चर्चे को भी उन्होंने विराम दे दिया था जब उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य केवल विपक्ष को एकजुट करना है. चेहरा कौन होगा ये सब मिलकर बाद में तय करेंगे.