Bihar Constable Exam News Update: बिहार सिपाही बहाली परीक्षा एक अक्टूबर को संपन्न हुई. इस परीक्षा में धांधली की पूरी तैयारी में सॉल्वर गैंग लगा हुआ था. परीक्षा शुरू होने से एक सप्ताह पहले से ही अलग-अलग जिलों से सेटर गिरोह के सदस्याें की गिरफ्तारी हुई . वहीं रविवार को हुई पहले चरण की लिखित परीक्षा के दौरान अलग-अलग जिलों से कदाचार के आरोप में कई अभ्यर्थी गिरफ्तार किए गए. पटना के राम कृष्ण द्वारिका (आरकेडी) कॉलेज से छह अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया . इन उनके पास से प्रश्नों के लिखित आंसर मिले थे. हैरान करने वाली बात यह है उन आंसरों को प्रश्नों से मिलाया गया, तो लगभग सभी प्रश्नों के आंसर मिल गये. सिपाही बहाली परीक्षा के दौरान हुई अनियमितता की जांच अब आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने शुरू की है. इओयू की अलग-अलग टीम ने सोमवार को विभिन्न जिलों में जाकर अपनी जांच शुरू की है. अलग-अलग जिलों को मिलाकर कुल 60 से अधिक प्राथमिकी दर्ज की गयी है. सभी की जांच अब इओयू की कर रही है.
सिपाही बहाली परीक्षा में धांधली का प्रयास करने वाले गिरोह जब लगातार पकड़े जाने लगे तो सभी जिलों को विशेष तौर पर अलर्ट किया गया था. उसके बाद भी प्रश्नपत्र के आंसर अभ्यर्थियों के पास परीक्षा हॉल में कैसे पहुंच गए. इसकी भी जांच की जा रही है. केंद्रों के वीक्षक, केंद्राधीक्षक से लेकर अन्य पदाधिकारी भी जांच के दायरे में होंगे. वहीं पटना की कंकड़बाग पुलिस ने छह अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था. जिनमें से तीन अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन सोमवार को जब्त कर लिए गए. इस बीच कुछ चौंकाने वाले खुलासे पुलिस के सामने हुए हैं जिसके बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या बिहार सिपाही बहाली परीक्षा का प्रश्न-पत्र लीक हो चुका था. जानकारी सामने आ रही है कि सिपाही बहाली परीक्षा के प्रश्नपत्र का आंसर परीक्षा शुरू होने के पहले ही अभ्यर्थियों के मोबाइल फोन पर आ गया था.
Also Read: बिहार की जातीय गणना ने देश की राजनीति में लायी उबाल, जानें I.N.D.I.A में कैसे मॉडल बन गए नीतीश कुमार?
परीक्षा माफियाओं ने प्रश्नपत्र भेजने के बजाय उसे सॉल्व करके फोन पर भेजा था. उस आंसर को लेकर अभ्यर्थी सकसोहरा निवासी रंजन कुमार, दुल्हिन बाजार निवासी विमल व मोनू, बख्तियारपुर निवासी रजनीश कुमार, मनेर निवासी अरविंद कुमार और मसौढ़ी निवासी रौशन कुमार परीक्षा केंद्र पर गये और कदाचार करते हुए पकड़ लिये गये. जांच के दौरान पता चला है कि गिरफ्तार अभ्यर्थी मोनू व रजनीश के मोबाइल फोन में आंसर दो बजे दिन से परीक्षा शुरू होने से पहले ही करीब 1:30 बजे मिल गये थे. एक फोन में आंसर डिलीट कर दिया गया है. इन दोनों के फोन में मिले अधिकांश आंसर परीक्षा में पूछे गये प्रश्न से मैच कर गये हैं. इससे आशंका जतायी जा रही है कि प्रश्नपत्र माफियाओं के पास एक-दो दिन पहले पहुंच गये थे. हालांकि यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि प्रश्नपत्र आउट हुआ था या नहीं?
बता दें कि पटना पुलिस ने अशोक नगर रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज से छह अभ्यर्थियों को परीक्षा के दौरान रविवार को गिरफ्तार किया था. जबकि रामकृष्णा नगर थाने की पुलिस ने पटना कॉन्वेंट स्कूल से तीन अभ्यर्थियों और तीन सॉल्वरों को पकड़ा था. पटना पुलिस का कहना है कि अधिकांश प्रश्न के आंसर मैच कर गये हैं, जबकि कंकड़बाग थाने में मौजूद सीएसबीसी के अधिकारियों ने बताया कि जांच पूरी होने तक कुछ नहीं कहा जा सकता है. प्रश्न गेस भी किये जा सकते हैं.
उधर, केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) के अध्यक्ष संजीव कुमार सिंघल ने पेपर लीक की बात को खारिज किया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि सिपाही भर्ती परीक्षा में बिहार के किसी भी केंद्र से कोई पेपर लीक नहीं हुआ है. परीक्षा केंद्रों के अंदर किसी तरह का कदाचार नहीं हुआ. पूरी परीक्षा के दौरान 100 से अधिक अभ्यर्थी व उनके सहयोगियों को कदाचार का प्रयास करते पकड़ा गया. कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद हुए. माफिया की तरह सक्रिय कई गैंगों ने कदाचार का प्रयास किया, लेकिन विफल रहे. कंकड़बाग के रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज से आंसर की के साथ गिरफ्तार अभ्यर्थियों के सवाल पर उन्होंने कहा कि पुलिस के साथ ही पर्षद की टीम ने भी इस मामले की जांच की है. जांच में पाया गया कि इन परीक्षार्थियों को लगभग परीक्षा खत्म होने के समय पकड़ा गया. बरामद आंसर की में दिये गये उत्तर भी सीरियल नंबर के अनुसार नहीं थे. गिरफ्तार अभ्यर्थियों ने पूछताछ में भी बताया है कि चोरी करने की नीयत से वे आंसर लिख कर लाये थे.