Bihar Corona Update, Coronavirus in Bihar: बिहार में कोरोना (Bihar Me Corona) की दूसरी लहर (Coronavirus Second Wave in Bihar) से हाहाकार मचा है. हर दिन मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है, संक्रमितों की संख्या तेज गति से बढ़ रही है. अस्पतालों में बेड को लेकर मरीज अभी भी भटक रहे हैं. प्राइवेट अस्पतालों ने भी हाथ खड़े कर लिए हैं. कुल मिलाकर बिहार में कोरोना के कारण चिंताजनक हालात हैं. मौतों की कहानियां अब डराने लगीं हैं.
सरकारी सिस्टम से इतर कोरोना काल में मौत होने के बाद पड़ोसी तो छोड़िए रिश्तेदार और परिवार के लोग भी साथ नहीं दे पा रहे हैं. इस वायरस से जान गंवाने वालों के परिजनों को कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है. यहां तक की अंतिम दर्शन या फिर अंतिम संस्कार के दौरान भी कई परिवार वाले शामिल नहीं हो पा रहे हैं.
पटना जंक्शन स्थित करबिगहिया रेलवे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में एक रेलवे कर्मी की कोरोना से मौत हो गयी. घटना शनिवार की अहले सुबह करीब 5:30 बजे की है. रेलवे कर्मचारी 45 वर्षीय रितेश कुमार घोष दानापुर जनसंपर्क कार्यालय में चापरासी के पद पर काम करता था. हालत गंभीर होने के बाद परिजनों की मदद से एक सप्ताह पहले रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
वहीं, बड़ी बात तो यह है कि मौत भाई खबर सुन छोटे भाई रेलवे अस्पताल पहुंचा और जैसे ही शव देखा उसकी भी आर्ट अटैक से मौके पर ही मौत हो गयी. बाद में अस्पताल प्रशासन की ओर से परिजनों को फोन कर सूचना दी गयी, परिजनों की देख रेख में दोनों भाइयों का शव जिला प्रशासन के हवाले सौंप दिया गया.
शहर के अस्पतालों के अलावा आइसोलेशन में रहने वाले मरीज भी भगवान भरोसे हैं. मरीजों को इलाज तो दूर हालत खराब होने के बाद भी कोई देखने वाला नहीं है. ताजा मामला होटल पाटलिपुत्र अशोक के आइसोलेशन सेंटर का है, जहां भर्ती एक कोविड मरीज की मौत हो गयी. मरीज का नाम रणधीर कुमार है, जो पटना जिले के मोकामा का रहने वाला है.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मरीज के गिरने के बाद घंटों तक न तो होटल की तरफ और न स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी ने उसको लेकर कोई गंभीरता दिखायी. मरीज के शव के साथ यहां मौजूद दूसरे लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया. जानकारी के अनुसार रणधीर कुमार को कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद इनकम टैक्स स्थित होटल पाटलिपुत्र अशोक में आइसोलेट किया गया था. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सुबह वह बाथरूम करने गया, अचानक उसका पैर फिसल गया जिससे उसकी मौत हो गयी.
कोरोना के इस दौर में अकेले रहने वाले बुजुर्गों व महिलाओं की परेशानी बढ़ी है. किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति होने पर उनको देखने वाला तक कोई नहीं होता. ऐसा ही मामला आशियाना नगर फेज वन में सामने आया है, जहां बुजुर्ग दीपनारायण साह की शुक्रवार को अचानक मौत हो गयी. उन्हें बुखार था और अचानक ही ऑक्सीजन लेवल कम हो गया. इसके कारण उनकी मौत हो गयी. वे घर में अकेले ही रह रहे थे. पड़ोसियों ने उनकी मौत के बाद उनके शव को कवर कराने का प्रयास किया, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि जिस तरह से उनकी मौत हुई है, उसका कारण कोरोना हो सकता है. लेकिन दीपनारायण साह ने कोरोना जांच नहीं करायी थी, जिससे इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी.
उनके बेटे फिलहाल दिल्ली में हैं, लेकिन बीमार होने के कारण पटना नहीं आ सके. शनिवार को डाल्टेनगंज से उनके दामाद पटना पहुंचे. इसके बाद शव को बांसघाट तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस खोजा जाने लगा. काफी मुश्किल से एक एंबुलेंस वाला तैयार हुआ और शव को ले जाने के एवज में साढ़े सात हजार की मांग की. परिजनों ने मांगी रकम को दिया तो शव किसी तरह बांसघाट पहुंचा. लेकिन यहां भी अंतिम संस्कार के लिए वेटिंग थी.
परिजनों को बताया गया कि बारी आने में शाम या रात भी हो सकती है. अब यह आश्चर्यजनक है कि आशियाना से बांसघाट, जिसकी दूरी महज सात से दस किमी के बीच होगी, वहां तक आने के लिए एंबुलेंस चालक ने साढ़े सात हजार ले लिये. इस तरह की परेशानी कई अन्य परिवारों के पास भी आयी और एंबुलेंस चालकों को मनमानी रकम देकर शव को बांसघाट तक पहुंचवाया गया
Posted By: Utpal Kant