Bihar Diwas 2023: बिहार का इतिहास गौरवशाली रहा है. आज पूरा राज्य बिहार दिवस मना रहा है. आपको बता दें कि आज बिहार 111 साल का हो गया है. दरअसल, 22 मार्च, 1912 को बंगाल प्रांत से अलग होकर बिहार एक स्वतंत्र राज्य के रूप में देश दुनिया के मानचित्र पर उभर कर आया. इन 111 सालों में बिहार ने तरक्की की कई कहानी लिखी. वहीं दो बार विभाजन का दंश भी बिहार ने झेला है. 1936 में बिहार से ओड़िशा का हिस्सा अलग हो गया. बिहार का दूसरा विभाजन 2000 में हुआ, जब झारखंड प्रांत का उदय हुआ. इन वर्षों में बिहार ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर कई बदलाव भी देखे.
बिहार वक्त के साथ आगे बढ़ रहा है. मालूम हो कि बिहार में शिशु मृत्यु दर 43 से घटकर 27 हो गयी है. यह राष्ट्रीय औसत से भी कम है. वहीं बिहार में प्रति व्यक्ति आय 54 हजार रुपये है, जो बीते वर्ष से 64 सौ रुपये अधिक है. बिहार में कई नए निर्माण हो रहे है. यहां 7 इथेनॉल इकाइयों का निर्माण कराया जा रहा है. बरौनी में 550 करोड़ से एलजीपी बॉटलिंग प्लांट का निर्माण हो रहा है. पंचायतों में 50 फीसदी महिलाओं को आरक्षण है. जीविका की 10.45 लाख स्वयं सहायता समूहों से 1 करोड़ 30 लाख महिलाओं को जोड़ा गया है. राजधानी पटना मेट्रो रेल परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए है. वहीं शहरी क्षेत्रों में बाइपास और फ्लाइओवर के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है.
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बिहार में स्वरोजगार के लिए 800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. स्टार्टअप प्रोत्साहन नीति से उद्यमियों को 10 लाख रुपया का फंड, युवाओं के कौशल विकास के लिए 10 करोड़ का प्रावधान है. महिलाओं के लिए तो सरकार ने खास काम किए है. यूपीएससी के साथ ही बीपीएससी में पास महिला अभ्यर्थियों को एक लाख और 50 हजार की राशि दी जा रही है. इसके अलावा 10वीं में प्रथम श्रेणी से पास छात्राओं को 10 हजार रुपये दिया जा रहा है. महिलाओं को वाहन कर में छूट है. मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना में महिलाओं को 250 करोड़ रुपये का प्रावधान है.
Published By: Sakshi Shiva