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Bihar Flood: बिहार में बाढ़ ने बढ़ाई लोगों की चिंता, जानें नेपाल में बारिश थमने के बाद कोसी-सीमांचल के हालात

बिहार में बाढ़ के हालात बन गए हैं. गंगा-कोसी समेत अन्य नदियों की वजह से लोग कटाव की परेशानी से भी जूझ रहे हैं. कई जगह बांध टूट चुके हैं. किसानों के खेत जलमग्न हैं जबकि कई जगह सड़क कटने से लोगों का संपर्क जिला मुख्यालय से भंग हो चुका है.

Bihar Flood Update: बिहार की नदियों में पिछले कुछ दिनों से उफान है. नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. कोसी-सीमांचल क्षेत्र में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. आए दिन बांध टूट रहे हैं जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. गोपालगंज में गंडक नदी खतरे के निशान के नीचे है.

सुपौल में कोसी नदी के जलस्तर में हो रही कमी से कटाव

कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही कमी के कारण तटबंध के अंदर बसे कई गांवों में कटाव का खतरा मंडराने लगा है. सदर प्रखंड के बलवा, बैरिया, किशनपुर प्रखंड के दुबियाही सहित अन्य गांवों में कोसी के कटाव से लोग बेघर हो यत्र-तत्र शरण लेने को मजबूर हैं. शुक्रवार को शाम 06 बजे कोसी बराज पर 01 लाख 09 हजार 870 क्यूसेक डिस्चार्ज मापा गया. वहीं बराह क्षेत्र में 69 हजार 800 क्यूसेक पानी घटते क्रम में दर्ज किया गया.

पूर्णिया में बाढ़ की स्थिति

पूर्णिया में बाढ़ ने दस्तक दे दी है. नदियों में उफान है. अमौर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. वहीं हर साल आने वाली बाढ़ से कसबा नगर के वासियों को छुटकारा मिलेगा. मिलिट्री पुल से लेकर मदारघाट तक कुल दो किलोमीटर तक कोसी नदी धार पर बांध का काम कराया जा रहा है. बताते चलें कि कोसी नदी धार में बांध नहीं होने के कारण नगर परिषद का शांति नगर, कुम्हार टोल, सुभाष नगर, महावीर चौक, नेमा टोल, ठाकुर टोल, मुरारी टोल, मदारघाट मोहल्ला मानसून के मौसम में बाढ़ की चपेट में आ जाते थे. वहीं पानी के भारी दबाव के बसद टूटने के कगार पर पहुंचे चालीस आरडी नहर बांध को बचाने के लिए आखिरकार प्रशासन हरकत में आया. सिंचाई विभाग के एसडीओ चंद्रलोक रजक ने बताया कि बांध को बांधने में एक जेसीबी और 35 मजदूर लगाए गए हैं.

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कटिहार में बाढ़ की स्थिति

कटिहार के अमदाबाद प्रखंड के महानंदा नदी के जलस्तर में कमी आई है तो दूसरी तरफ गंगा नदी के जलस्तर में निरंतर वृद्धि जारी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटे के अंदर महानंदा नदी के जलस्तर में 15 सेंटीमीटर की गिरावट के साथ 26.16 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है. दूसरी तरफ गंगा नदी के जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है. इसे 24 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में 4 सेंटीमीटर की वृद्धि के साथ 24.99 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है. गंगा नदी में प्रतिदिन जल स्तर में वृद्धि को देखते हुए गंगा नदी से जल्द ही बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना जताई जा रही है. गंगा नदी के समीप बसे झब्बू टोला, कृति टोला, पार दियारा, सुबेदार टोला के ग्रामीणों ने कहा कि गंगा नदी के जलस्तर में निरंतर वृद्धि हो रही है. साथ ही कई स्थानों पर हल्की फुल्की कटाव भी जारी है. गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी रही तो जल्द ही बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. यहां प्रत्येक वर्ष डंडा व महानंदा नदी के जल स्तर में वृद्धि होने से बाढ़ होता है.

कटिहार में महानंदा के अलावे अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ा

कटिहार में महानंदा को छोड़कर कर जिले के सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में शुक्रवार को भी वृद्धि जारी रही है. गंगा, कोसी व बरंडी नदी के जलस्तर में उफान जारी है. महानंदा नदी के जलस्तर सभी स्थानों पर शुक्रवार को लगातार छठे दिन भी कमी दर्ज की गयी है. दूसरी तरफ गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है. गंगा नदी रामायणपुर व काढ़ागोला घाट में बढ़ रही है. बरंडी नदी के जलस्तर वृद्धि दर्ज की गयी है. हालांकि गंगा, कोसी व बरंडी नदी के जल स्तर में वृद्धि के बावजूद अधिकांश नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर से काफी नीचे है.

गोपालगंज में गंडक नदी का हाल

नेपाल में बारिश थम गयी है. वाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज भी घट गया है. गोपालगंज में गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज कम होने से बड़ी राहत मिली है. वहीं, गंडक खतरे के निशान से नीचे आ गयी है. भगवानपुर, पतहरा छरकी और डुमरिया घाट पर गंडक नदी लाल निशान पार कर गयी थी, लेकिन गुरुवार की रात से पानी लगातार घट रहा है. ऐसे में नदी का जल स्तर सामान्य स्थिति तक पहुंच गया है.

नेपाल में बारिश थमने की वजह से राहत..

जल संसाधन विभाग के एसडीओ ओसामा वारिसी ने बताया कि गोपालगंज में गंडक नदी गुरुवार की सुबह तक खतरे के निशान को पार कर चुकी थी, लेकिन उसके बाद से लगातार पानी घट रहा है. नेपाल में बारिश थमने की वजह से डिस्चार्ज लेवल फिलहाल बढ़ने की संभावना नहीं है, लेकिन बारिश होगी तो गंडक नदी का जल स्तर बढ़ सकता है. फिलहाल नदी का जल स्तर घटने से जल संसाधन विभाग के अभियंताओं ने राहत की सांस ली है. अहिरौलीदान से लेकर डुमरिया घाट के टंडसपुर तक तटबंधों पर गंडक नदी का दबाव कम हुआ है. टंडसपुर के पायलट चैनल से भी पानी की निकासी तेज गति से होने पर राहत मिली है. वहीं, नाव का परिचालन भी शुरू हो गया है.

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