पीएचइडी ने राज्य भर में चल रही सभी जलापूर्ति योजनाओं की गुणवत्ता पर निगरानी बढ़ा दी है. ताकि यहां के लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी मिल सके और पानी से होने वाली बीमारियों से लोगों को बचाया जा सके. इसी को लेकर पिछले पांच महीने से राज्य में पानी के सैंपल की टेस्टिंग की जा रही है.
पिछले पांच महीनों में तीन लाख 47 हजार 537 सैंपल टेस्टिंग के लिए राज्य के 122 विभिन्न लैब में आये, जहां तीन लाख 42 हजार 913 सैंपल की जांच की गयी और इनमें से 11,626 सैंपल में खराबी मिली. ऐसे में इन सभी पानी के सोर्स की जांच करने का निर्देश विभागीय स्तर पर दिया गया है. अधिकारियों को फील्ड में जाकर पानी की नियमित जांच करने का निर्देश दिया गया है.
अररिया 1261, बेगूसराय 611, खगड़िया 1647, किशनगंज 1350, सहरसा 1371 व सुपौल 3483 सैंपल जांच के लिए पहुंचे. इनमें कुछ एक जिले ऐसे भी हैं, जहां पर सैंपल खराब मिलने के बाद भी उस पानी के स्रोत को बंद नहीं किया गया है. औरंगाबाद में 62 खराब सैंपल में 19 ही ठीक हो पाये. वहीं, भागलपुर 151 में 87, पश्चिम चंपारण 19 सैंपल में 00, नालंदा 57 सैंपल में 35 को ही ठीक किया गया है.
बिहार के सभी जिलों में की गई पानी की जांच की लैब रिपोर्ट की पूरी जानकारी को ऑनलाइन कर दिया गया है. अब कोई भी व्यक्ति अपने पास के लैब में जाकर सैंपल की मुफ्त जांच करा सकता है.
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पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए जिलों में निगरानी बढ़ा दी गयी है. जिन जिलों में पानी की अधिक खराबी मिली है, उन जिलों में अधिक अधिकारियों को वार्डों में जांच का दायरा बढ़ाने का निर्देश दिया गया है.