Bihar Lockdown News: बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर सरकार रविवार को बड़ा फैसला ले सकती है. इसके पहले शनिवार को राज्यपाल फागू चौहान की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई. राजभवन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आयोजित बैठक में सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत सभी दलों ने प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस अहम बैठक में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों और उससे निपटने के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया.
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बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि राज्य में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों पर नजर है. मेदांता को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाने के लिए उसके मैनेजमेंट से बात की गई है. बैठक में मिले सुझावों पर आपदा प्रबंधन समूह विचार करेगा और आगे की रणनीति पर फैसला लेगा. सीएम नीतीश कुमार ने बताया कि रविवार को सभी डीएम और एसपी के साथ बैठक होगी. इसमें मिले सुझावों और जानकारियों के आधार पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
सीएम नीतीश कुमार ने बैठक मे साफ किया कि राज्य सरकार दवाई और ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर सजग है. ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन की कोशिश जारी है. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करना होगा. किसी भी तरह के आयोजनों में कम से कम लोग शामिल हों और कोरोना गाइडलाइंस को जरूर फॉलो करें. सीएम नीतीश कुमार ने जिक्र किया कि रविवार को होने वाली बैठक के बाद मीडिया को जानकारी दी जाएगी.
सर्वदलीय बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी सामने नहीं आई है. इतना पता चला है कि रविवार को बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में लिए गए फैसलों की जानकारी देने वाले हैं. बड़ी बात यह है कि राजद राज्य में लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है. राजद का मानना है कि लॉकडाउन की हालत में छोटे-मोटे व्यवसाय करने वालों और मजदूरों पर बुरा प्रभाव पड़ता है. वहीं, कांग्रेस ने घर लौटने वाले प्रवासियों को आर्थिक मदद देने की मांग की है.
सर्वदलीय बैठक से इतर बात करते हैं कोरोना संक्रमण की. बिहार में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. राज्य में शनिवार को रिकॉर्ड 7,870 नए कोरोना संक्रमितों की पुष्टि की गई है. इसके बाद कोविड-19 संक्रमित एक्टिव केस की संख्या 39,497 तक पहुंच चुकी है. पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या 1,804 है. बिहार में राजधानी पटना में बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ाई है. अकेले पटना में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 12,118 है.
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स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करके महामारी रोकथाम के विशेषज्ञों, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को शामिल करना.
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ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की सप्लाई चेन सुनिश्चित करते हुए कालाबाजारी पर कठोर कार्रवाई.
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मोबाइल वैक्सीनेशन की व्यवस्था करते हुए डोर-टू-डोर वैक्सीनेशन.
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अस्पतालों में वैक्सीनेशन और टेस्ट की व्यवस्था अलग-अलग परिसरों में की जाए.
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कोरोना जांच रिपोर्ट तुरंत दी जाए ताकी उचित इलाज मिल सके.
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स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन के सही डाटा को प्रकाशित करे.
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राज्य के लिए एक इंटिग्रेटेड डाटाबेस सिस्टम बनाकर मॉनिटरिंग.
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होम कोरेंटिन मरीजों की जीपीएस ट्रैकर से निगरानी.
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प्रमंडल स्तर पर डेडिकेटेड कोविड हॉस्पीटल का निर्माण.
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दूसरे राज्यों से लौटने वाले सभी यात्रियों की जांच जरूरी.
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कोरोना संकट से गरीबों, मजदूरों को बचाने की कोशिश.