बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में इन दिनों मगरमच्छ लगातार रिहाइशी इलाकों में प्रवेश करने लगा है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के सीमावर्ती इलाकों में सांप एवं मगरमच्छों का निकलने का सिलसिला नहीं थम रहा है. इसी क्रम में लौकरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत नयागांव-रामपुर पंचायत के नयागांव गांव के समीप मदनपुर वन प्रक्षेत्र के वन कर्मियों ने एक मगरमच्छ का रेस्क्यू किया है. वहीं आए दिन लोगों के घर से या आसपास से विशालकाय सांपों का भी रेस्क्यू किया जा रहा है. एकबार फिर से एक विशाल कोबरा को देखा गया जो घर में छिपकर बैठा था. लोग इसे देखकर दंग रह गए.
मदनपुर प्रक्षेत्र अंतर्गत रामपुर वन परिसर के वनरक्षी गौरीशंकर दुबे ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा सूचना मिली कि नयागांव के समीप एक मगरमच्छ को देखा गया है. सूचना को गंभीरता से लेते हुए वन कर्मियों की टीम के साथ नयागांव गांव पहुंच कर काफी मशक्कत के बाद मगरमच्छ का रेस्क्यू कर कर उसे वन क्षेत्र कार्यालय लाया गया. जहां से उसे गंडक नदी में सुरक्षित छोड़ दिया गया. गौरतलब हो कि वीटीआर से होकर गुजरी गंडक व पहाड़ी नदियों से निकलकर आए दिन मगरमच्छ रिहायशी इलाकों के तालाब में पहुंच जा रहे है. जिनको वन कर्मियों की टीम लगातार सांप व मगरमच्छों का रेस्क्यू कर गंडक नदी व जंगल में छोड़ रही है.
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वन प्रमंडल दो वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र से सटे रिहायशी इलाकों के लोग इन दिनों भय के माहौल में जीने को मजबूर है. कारण कि वन्यजीवों लगातार किसी न किसी क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्शाते रहते हैं. आय दिन जहरीले प्रजाति के सांप के निकलने से किसी अप्रिय घटना की संभावना को देखते हुए ग्रामीण दहशत और खौफ के माहौल में है. इसी क्रम में शुक्रवार की रात वन क्षेत्र से भटककर एक बेहद ही खतरनाक लगभग पांच फीट लंबा कोबरा सांप थाना क्षेत्र के गोल चौक के समीप शिवपुरी मोहल्ला निवासी अरविंद पटेल के घर में जा घुसा.
कोबरा की फुफकार सुन घर वालों में हड़कंप मच गया. तत्काल इसकी सूचना वन कार्यालय को दी गयी. सूचना पर पहुंचे स्नेक कैचर की टीम कड़ी मशक्कत के बाद कोबरा का सुरक्षित रेस्क्यू करने में सफल हो गयी. रेस्क्यू के उपरांत कोबरा को जटाशंकर वन परिसर में छोड़ दिया गया. इस बाबत प्रभारी वनपाल गजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कोबरा का रेस्क्यू कर वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया है. साथ ही ग्रामीणों से अपील है कि सतर्क और सजग रहे. किसी भी वन्यजीवों को देखने पर तत्काल इसकी सूचना वन कार्यालय को दें. उसके साथ किसी भी प्रकार का छेड़ छाड़ न करें.