Bihar Politics: बिहार में सियासी तापमान चढ़ा हुआ है. बीते दिन 25 फरवरी को महागठबंधन ने पूर्णिया में विशाल रैली का आयोजन किया. इस रैली में महागठबंधन समर्थकों का हुजूम जमा हुआ. दूर-दराज से समर्थकों का जुटान रंगभूमि मैदान के कार्यक्रम में हुआ. ये पहली बार देखने को मिला कि 7 दलों के शीर्ष के नेता एकसाथ एक मंच पर रहे और एकजुट होने का संदेश दिया. वहीं अब इस रैली ने महागठबंधन का उत्साह बढ़ा दिया है. इसी तर्ज पर अब 4 और रैली करने की योजना बन रही है.
महागठबंधन की पूर्णिया रैली की भांति चार और रैलियां विधानमंडल सत्र के बाद आयोजित किये जाने पर विचार चल रहा है. राजद सहित समूचा महागठबंधन इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रहा है. यह देखते हुए कि उसकी पूर्णिया रैली उम्मीद के मुताबिक सफल रही. राजद सूत्रों के मुताबिक पूर्णिया की महारैली की तरह अंतिम रैली पटना में सबसे अंत में होगी. शेष तीनों प्रस्तावित रैलियों की जगह और तिथि तय होनी हैं.
पूर्व-उत्तर की पूर्णिया रैली के बाद अब दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम-उत्तर में रैली के लिए स्थान तय किया जाना है. फिलहाल महागठबंधन के नेता इस संदर्भ में एक उच्चस्तरीय विमर्श के बाद स्थान तय करेंगे. प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में रैली के बाद सबसे अंत मध्य बिहार पटना में रैली आयोजित किया जाना प्रस्तावित है.
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राजनीतिक जानकारों के मुताबिक पूर्णिया की रैली से महागठबंधन नेताओं का उत्साह चरम पर हैं. यह इसलिए कि महागठबंधन के सातों दलों ने पूर्णिया रैली में अपनी-अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभायी है. इससे सभी दलों में एक राय देखे जा रहे हैं. वहीं महागठबंधन अब आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जोर-शोर से जुट चुका है. एक तरफ जहां भाजपा की भी सक्रियता तेज हुई है वहीं महागठबंधन अपने खेमे को एकजुट करने में जुटा है. पूर्णिया रैली ने महागठबंधन को अलग उर्जा दे दी है.