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Bihar MLC: राज्यपाल कोटे वाली 12 MLC सीटें JDU-BJP में बंटी, ताकते रह गये मांझी और सहनी, आगे क्या होगा ?

Bihar MLC: पिछले साल मई से बिहार विधान परिषद (MLC) की मनोनयन कोटे की 12 सीटें अब जाकर भरने वाली हैं. राज्यपाल भवन से जारी अधिसूचना के मुताबिक, 12 नाम तय कर लिए गए हैं. ये 12 सीटें भाजपा (BJP) और जदयू (JDU) में आधा-आधा बंटी है. वहीं एक-एक एमएलसी पद की लालसा रखे एनडीए (NDA)के घटक दल जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी 'हम' (HAM) और (Mukesh Sahani) की पार्टी 'वीआइपी' (VIP)के हिस्से कुछ नहीं आया.

Bihar MLC: पिछले साल मई से बिहार विधान परिषद (MLC) की मनोनयन कोटे की 12 सीटें अब जाकर भरने वाली हैं. राज्यपाल भवन से जारी अधिसूचना के मुताबिक, 12 नाम तय कर लिए गए हैं. ये 12 सीटें भाजपा (BJP) और जदयू (JDU) में आधा-आधा बंटी है. वहीं एक-एक एमएलसी पद की लालसा रखे एनडीए (NDA)के घटक दल जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी ‘हम’ (HAM)और मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) की पार्टी ‘वीआइपी’ (VIP)के हिस्से कुछ नहीं आया.

वो भी तब जब दोनों ने सार्वजिनक तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से अपनी पार्टी के लिए एक एक एमएलसी (MLC) पद की मांग कर चुके हैं. अंदरखाने से खबर तो ये भी थी कि मुकेश सहनी अपने भाई को एमएलसी बनाना चाहते और कैबिनेट में जगह भी. बता दें मुकेश सहनी भी एमएलसी ही हैं. निषाद समाज के आरक्षण को लेकर झंडा बुलंद किए मुकेश सहनी की राज्यपाल कोटे वाली एमएलसी सीटों के बंटवारे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.

इधर, जीतनराम मांझी की पार्टी हम ने सवाल खड़ा किया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि बगैर एनडीए घटक दलों से बातचीत किए ही एमएलसी मनोनयन का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से हम के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है.

हम प्रवक्ता ने कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की नजर इस पूरे घटनाक्रम पर बनी हुई है और जल्द ही कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा. राज्यपाल कोटे से एमएलसी बनने वालों का शपथ ग्रहण समारोह आज ही है. इधर, मनोनित होनेवाले 12 सदस्यों की सूची को लेकर राजनीति शुरू हो गयी है.

Bihar MLC: एमएलसी सूची से जदयू नेता आहत

राज्यपाल कोटे से भरी जाने वाली 12 सीटों के लिए नामों की सूची सामने आने के बाद जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन आहत हैं. उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें एमएलसी बनाया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यपाल वाली कोटे की सूची में अपना या किसी दूसरे कायस्थ जाति से जुड़े लोगों के नाम शामिल नहीं होने को लेकर राजीव रंजन ने नाराजगी जतायी है. उन्होंने कहा कि पिछले लंबे समय से कायस्थ समाज को हाशिए पर रखने की कोशिश की जा रही है, पहले विधानसभा में अनदेखी की गई और अब विधान परिषद में उन्हें दरकिनार किया गया.

उन्होंने सीएम नीतीश को टैग करते हुए एक ट्वीट किया जिसमें लिखा- योग्यता ,कर्तव्यपरायणता और निष्ठा जैसे शब्द, शब्दकोष में ही बने रहेंगे .ये शब्द अब सियासत के लिए बेमानी हो गए हैं. अब उनके इस ट्वीट का क्या मतलब है यह आसानी से समझा जा सकता है.

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Posted By: Utpal Kant

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