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बिहार: स्कूलों से गायब रहने पर शिक्षकों के बाद अब छात्रों पर कार्रवाई, जानें केके पाठक का नया आदेश

Bihar News: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव हमेशा चर्चाओं में बने रहते है. राज्य में जुलाई से लगातार स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है. केके पाठक एक्टिव है और लगातार काम कर रहे हैं. शिक्षकों के बाद अब छात्रों पर स्कूलों से गायब रहने पर कार्रवाई होगी.

Bihar News: केके पाठक शिक्षण संस्थान को सुधारने में लगे हुए है. वह लगातार निरीक्षण कर रहे हैं. शिक्षा व्यवस्था को अच्छा करने का प्रयास किया जा रहा है. स्कूलों से गायब रहने पर शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है. विद्यालय में अव्यवस्था होने पर शिक्षकों के वेतन काटने का भी फैसला लिया जाता है. वहीं, अब स्कूल से गायब रहने पर छात्रों पर भी कार्रवाई की जाएगी. छात्र व छात्रा अगर स्कूल से गायब रहते है तो उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी. स्कूलों में 75 फीसदी हाजिरी आवश्यक है. वहीं, अब कालेजों से गायब रहने वाले छात्रों पर भी कार्रवाई की जाएगी.

कालेज की क्लास से गायब रहने पर दाखिला होगा रद्द

कालेज की क्लास से गायब रहने वाले छात्रों का दाखिला रद्द कर दिया जाएगा. स्कूल के साथ- साथ कालेज में भी 75 प्रतिशत हाजिरी अनिवार्य है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बिहार के सारे स्कूल, कालेज और यूनिवर्सिटी में छात्र-छात्राओं की 75 प्रतिशत उपस्थिति को अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है.

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स्कूलों में 75 प्रतिशत हाजिरी अनिवार्य

बता दें कि कुछ दिनों पहले बिहार विद्यालय परीक्षा समिति यानि BSEB ने आदेश जारी किया था. इस आदेश के अनुसार सरकारी स्कूलों में छात्र और छात्राओं की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है. साथ ही अभिभावकों को शपथ पत्र देना होगा. BSEB की ओर से शपथ पत्र का फॉर्मेट सभी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों व इंटर कॉलेजों को भेजा गया. अभिभावकों को यह शपथ पत्र भरना होगा. बच्चों के स्कूल से गायब रहने की जवाबदेही उनके माता- पिता की होगी. 75 प्रतिशत हाजिरी होने पर ही छात्र परीक्षा में शामिल हो सकेंगे.

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वहीं, अगर छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत नहीं होती है तो उन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा. प्रोत्साहन राशि को रोक दिया जाएगा. अन्य छात्रवृत्ति का लाभ भी नहीं मिलेगा. अभिभावकों को बताना है कि उनके बच्चे हर दिन विद्यालय जा रहे हैं. बच्चों के स्कूल में अनुपस्थित होने के जिम्मेदार अभिभावक ही होंगे. जनवरी 2024 तक जिन बच्चों की उपस्थिति 75 फीसदी होगी वहीं मैट्रिक और इंटर परीक्षा में शामिल हो सकेंगे. मालूम हो कि पहले ऐसा कोई नियम नहीं था.

प्रत्येक जिले के डीइओ को रिपोर्ट तैयार करने का आदेश

अपर मुख्य सचिव पाठक ने वर्चुअल मोड में समीक्षा बैठक भी की. इसमें उन्होंने पांच जिलों विशेष रुप से पटना, भोजपुर, रोहतास और कैमूर का प्रेजेंटेशन देखा. इस प्रेजेंटेशन मे संबंधित जिलो के जिला शिक्षा पदाधिकारियो ने दस-दस स्कलों के संदर्भ मे जानकारी साझा की गयी. शिक्षा विभाग ने प्रत्येक जिले के डीइओ को दस-दस स्कलो की सूची थमा दी है, जिसका निरीक्षण कर उनमे हुए सुधार की रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है. इससे पहले केके पाठक उन जिलो का प्रेजेंटेशन देख रहे थे, जहां पर वे और उनके पदाधिकारी गये थे. उनके निरीक्षण के बाद के बदलावो की समीक्षा के लिए प्रेजेंटेशन रोजाना दिखाने के लिए कहा था. संभवत: वह रिपोर्ट पूरी हो गयी है.

गैर तकनीकी सेवा के सभी कर्मियो का होगा तबादला

बिहार राज्य शैकणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड एवं बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के क्षेतरीय स्तर पर पदस्थ गैर तकनीकी सेवा के सभी कर्मियो (विशेष रुप से लेखा, कार्यकम और एमआइएस संवर्ग ) का तबादला होगा. खासतौर पर उनका तबादला किया जायेगा जो एक ही जिले मे तीन वर्ष या इससे अधिक समय से पदस्थापित है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने यह निर्दश जारी किया है.

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अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने मुख्यालय मे तीन साल या इससे अधिक समय से जमे हुए पदाधिकारियो एवं कर्मियो को जिलों मे भेजने के निर्दश भी दिये है. उन्होंने कहा कि जिलो के पदाधिकारियो को मुख्यालय पर लाया जाये. इसी तरह के बदलाव बिहार राज्य शैकणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड की तरफ से मुख्यालय एवं क्षेतरीय अभियंताओ और कर्मियो के संबंध मे भी करने का उन्होने आदेश दिया. अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने दोनो संगठनो के प्रमुखों को निर्दश दिये है कि बिहार शिक्षा परियोजना और बिहार राज्य शैकणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड मे जो भी अभियंता या कर्मी किसी अन्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आये है, अगर उनकी तीन साल से अधिक समय की अवधि पूरी हो गयी हो तो उनकी सेवा उनके पैत्रक विभाग मे लौटायी जाये.

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