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बिहार: पटना में जाति गणना का काम पूरा, 15 अप्रैल को हुई थी शुरुआत, जानें कितने परिवारों की हुई गिनती

‍Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में दूसरे चरण में जाति गणना का काम पूरा हो चुका है. गणना की शुरुआत 15 अप्रैल को हुई थी. गणना के कार्य में 12 हजार के अधिक कर्मियों को लगाया गया था. वहीं, आज से मोबाइल एप के जरिए जाति गणना के कार्य की समीक्षा की जाएगी.

‍Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में दूसरे चरण में जाति गणना का काम पूरा हो चुका है. इसमें 13 लाख 69 हजार परिवारों की गिनती हुई है. जिले में 13.69 लाख परिवारों की जाति गणना पूरी कर ली गई है. दूसरे चरण में हाइकोर्ट से रोक हटाने से संबंधित आदेश पारित होने के बाद दो अगस्त से गणना शुरू की गई थी. शनिवार पांच अगस्त को अंतिम दिन एक लाख नौ हजार 573 परिवारों का सर्वे हुआ. चार अगस्त को 12 लाख 59 हजार 427 परिवारों की गणना पूरी हुई थी. कुल चार दिनों में चार लाख 33 हजार 493 परिवारों का सर्वेक्षण पूरा हुआ. गणना का काम पूरा होने पर रिपोर्ट सरकार को भेजी गयी है.

मोबाइल एप के जरिए जाति गणना के कार्य की समीक्षा

जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि पटना जिले में कुल परिवारों की संख्या 13.69 लाख है. दूसरे चरण में शनिवार को शत-प्रतिशत परिवारों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है. इस संबंध में प्रतिवेदन भी सरकार को भेज दिया गया है. आंकड़ों की प्रविष्टि मोबाइल एप से भी की जा रही है. राज्य सरकार के पोर्टल पर सोमवार से डेटा इंट्री का काम शुरू होगा. गणना कार्य में 12741 प्रगणक, 2139 पर्यवेक्षक व 45 चार्ज अधिकारी लगे रहे. गणना के दौरान परिवार के सदस्यों से 17 बिंदुओं पर जानकारी ली गयी. बता दें कि दूसरे चरण में पटना शहर में 15 अप्रैल को पाटलिपुत्र अंचल के बैंक रोड स्थित अपार्टमेंट से गणना शुरू हुई थी. जाति आधारित गणना के दूसरे चरण का काम 15 अप्रैल से शुरू हो कर 15 मई तक पूरा होना था. लेकिन, चार मई को गणना काम पर रोक लग गयी थी. चार मई तक जिले में नौ लाख 35 हजार 507 परिवारों की गणना हुई थी.

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सात अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

जाति गणना मामले में सात अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. पटना हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दायर की गयी है. पटना हाइकोर्ट ने राज्य सरकार पर जाति गणना करने पर लगी रोक लगा हटा ली थी. इसके खिलाफ नालंदा के अखिलेश कुमार सिंह एवं अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है.

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दो अगस्त से गणना का कार्य फिर हुआ शुरू

मालूम हो कि दूसरे चरण की गणना का कार्य मोबाइल एप से किया गया है. वहीं, जो परिवार दूसरे चरण में गणना से छूट गए है. उन्हें चिन्हित किया जाएगा और उनकी पहचान की जाएगी. वहीं, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी के कार्यालय में गणना कार्य से जुड़ी कुछ शिकायते आई थी. इसका निदान किया जाएगा. जिले में 13 हजार से अधिक परिवार है. दूसरे चरण में नौ लाख 35 हजार 507 परिवारों की गणना के बाद न्यायालय के आदेश के बाद गणना पर रोक लगी थी. इसके बाद शेष 33 हजार 493 परिवार बचे थे. हाई कोर्ट के आदेश के बाद फिर से दो अगस्त से गणना का कार्य शुरु हुआ था.

बताया जा रहा है कि पहले चरण की रिपोर्ट के अनुसार पटना की जनसंख्या 58 लाख, 38 हजार 465 से बढ़ गई है और अब यह 73 लाख 33 हजार 224 तक पहुंच चुकी है. बता दें कि राज्य में जाति आधारित गणना को रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. इस दाखिल याचिका को पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. कोर्ट के इस फैसले के साथ ही नीतीश सरकार का प्रदेश में जाति गणना करवाने का रास्ता साफ हो गया था. याचिकाकर्ताओं ने जाति गणना रोकने की अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. इसके साथ ही कोर्ट ने बिहार सरकार को बड़ी राहत दी थी. जाति आधारित गणना प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए पांच अलग-अलग याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गई थीं, जिस पर कोर्ट में कई दिनों तक सुनवाई चली थी. इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. जाति गणना के बारे में बता दें कि राज्य में अधिकतर दल इसकी लंबे समय से मांग कर रहे थे. राजनीतिक दल का कहना है कि इस गणना के होने से राज्‍य में रहने वाले दलित और पिछड़ा वर्ग के लोगों की सही संख्या का पता चल पाएगा. इससे उन्‍हें आगे बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएं बनाने में आसानी हो जाएगी.

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