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Bihar News: बिहार में सीमेंट की कीमतों ने जकड़ा लोगों के घर बनाने का सपना, जानिए- अचानक से क्यों महंगा हुआ सीमेंट

Bihar News: छत्तीसगढ़ की एक दर्जन कंपनियों से बिहार में सीमेंट की सप्लाइ होती है, लेकिन पिछले दो सप्ताह से सीमेंट की सप्लाइ बंद है. इसके कारण सूबे में सीमेंट 50 रुपये प्रति बैग महंगा हो गया है. कारोबारियों के अनुसार देश भर में 40 फीसदी सीमेंट की सप्लाइ अकेले छत्तीसगढ़ से होती है. लेकिन, वहां पिछले 20 दिनों से ट्रक मालिकों की हड़ताल की वजह से बिहार में भी सीमेंट की किल्लत हुई है.

Bihar News: छत्तीसगढ़ की एक दर्जन कंपनियों से बिहार में सीमेंट की सप्लाइ होती है, लेकिन पिछले दो सप्ताह से सीमेंट की सप्लाइ बंद है. इसके कारण सूबे में सीमेंट 50 रुपये प्रति बैग महंगा हो गया है. कारोबारियों के अनुसार देश भर में 40 फीसदी सीमेंट की सप्लाइ अकेले छत्तीसगढ़ से होती है. लेकिन, वहां पिछले 20 दिनों से ट्रक मालिकों की हड़ताल की वजह से बिहार में भी सीमेंट की किल्लत हुई है.

इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. मार्केट से ब्रांडेड सीमेंट गायब हो चुका है. 300 रुपये का सीमेंट 350 रुपये तक में मिल रहा है. इसके कारण न केवल आम लोगों के मकान का निर्माण कार्य प्रभावित हुआ है, बल्कि बिल्डरों के साथ सरकारी प्रोजेक्ट का काम भी प्रभावित हुआ है.

क्लिंकर की सप्लाइ पर भी असर

सीमेंट उद्योग से जुड़े संजीव कुमार ने बताया कि छत्तीसगढ़ में ट्रक मालिक और सीमेंट कंपनियों के बीच किराये को लेकर टकराव चल रहा है. इसके कारण सीमेंट की सप्लाइ प्रभावित है. इसका असर झारखंड, मध्य प्रदेश, उड़ीसा और बंगाल से भी सप्लाइ प्रभावित हुई है, क्योंकि मुख्य रूप से क्लिंकर की सप्लाइ छत्तीसगढ़ से होती है. ट्रक हड़ताल की वजह से क्लिंकर की भी सप्लाइ पर असर पड़ा है.

इसके कारण सीमेंट की कीमत में 50 रुपये तक का इजाफा हो चुका है. अगर हड़ताल जल्द समाप्त नहीं हुई, तो कीमत में और इजाफा हो सकता है. क्रेडाइ के वरीय सदस्य नरेंद्र कुमार ने बताया कि बाजार में सीमेंट की उपलब्धता नहीं होने के कारण मुनाफाखोरी शुरू हो चुकी है.

अगर ऐसे ही हालात रहे, तो कंस्ट्रक्शन लागत बढ़ेगी और लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ेगा. उन्हाेंने बताया कि फिलवक्त बिहार की दो ब्रांडेड सीमेंट यूनिट पिछले कई माह से तकनीकी कारणों से बंद हैं. इसके कारण भी सीमेंट की सप्लाइ प्रभावित है. सीमेंट की उपलब्धता बनी रहे, इसके लिए क्रेडाई कंपनियों से जल्द बात करने वाली है.

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प्रति स्क्वायर फुट की लागत बढ़ी

ऑल इंडिया बिल्डर एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सचिन चंद्रा ने बताया कि समय-समय पर सीमेंट कंपनियां सिंडिकेट बनाकर मनमाने तरीके से कीमत में बढ़ोतरी कर देती हैं. इसका असर सबसे अधिक आम लोगों पर पड़ता है. चंद्रा की मानें, तो पिछले एक वर्ष में प्रति स्क्वायर फुट की लागत की बात करें, तो लगभग 25 फीसदी तक का इजाफा हो चुका है. मार्च 2020 में मकान बनाने का खर्च 1500 से 1800 रुपये स्क्वायर फुट आता था, जो मार्च 2021 में 1800 से 2400 रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है.

Posted By: Utpal kant

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