Bihar News: बिहार की राजधानी पटना में सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने जिला व राज्य स्तर के अधिकारियों के साथ सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की. इस दौरान सहकारी बैंकों की ओर से केसीसी ऋण देने में कोताही करने की बात सामने आयी है. भागलपुर, मुंगेर व सीवान के सहकारी बैंक केसीसी ऋण देने में पीछे पाये गये है. इस कारण सचिव ने इसमें सुधार का निर्देश दिया है. बैंकों की ओर से 700 करोड़ रुपये का डिमांड भेजा गया है.
सचिव ने मुख्यमंत्री हरित कृषि संयत्र योजना के तहत की गयी खरीदारी की सूचना सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है. विभागीय पोर्टल पर खरीदारी व भुगतान की सूचना देने का आदेश दिया. फसल सहायता योजना के तहत लाभुकों के लंबित भुगतान शीघ्र करने की बात कही गई है. पैक्स, सब्जी प्रसंस्करण और विपणन योजना की ऑडिट कराने का निर्देश दिया. इस दौरान धान, गेहूं अधिप्राप्ति, राइस मिल निर्माण की भी सचिव ने समीक्षा की. मौके पर नंद किशोर, विशेष सचिव, राजेश मीणा, निबंधक सहयोग समितियां, डीसीओ, एमडी, डीएओ, जेआरसीएस आदि मौजूद थे.
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आपको बता दें कि देश की अर्थव्यवस्था में किसान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उन्हें कई बार अपनी कृषि जरूरतों को पूरा करने के लिए ब्याज पर कर्ज लेने की जरूरत पड़ती है. इससे किसानों की लागत बढ़ जाती है. इसलिए किसान की परेशानियों को देखते हुए सरकार की ओर से केसीसी योजना की शुरूआत की गई थी. इसका मकसद किसानों को सस्ती दरों पर कर्ज देना था. लेकिन, सहकारी बैंकों की ओर से केसीसी ऋण देने में कोताही करने की बात सामने आयी है. इसे लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए है.
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