कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के एक बयान को लेकर बुधवार को बिहार विधान परिषद (Bihar Vidhan Parishad) में पक्ष-विपक्ष में जमकर नोक-झोंक हुई. सत्ता पक्ष के सदस्य राहुल गांधी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग करने लगे, तो विपक्ष ने खुल कर इसका विरोध किया. दोनों पक्षों के शोर -शराबे में 15 मिनट तक सदन डूबा रहा.
विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के संजय प्रकाश ने यह मांग उठायी थी. उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्रम की एक सभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उत्तर भारत के लोगों को नासमझ कहा है. उन्होंने इसे उत्तर भारत खास कर बिहार का अपमान बताते हुए परिषद में इसके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने की मांग की.
इसका कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा ने खंंडन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह की पुरानी बातों को दोहराते हुए कहा कि किसी पर अंगुली उठाने के पहले भाजपा नेता को अपनी पार्टी के नेता के बयान पर विचार करना चाहिए. एक समय था कि भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को क्या नहीं कहा था. उस वक्त आपको ध्यान नहीं आया कि बिहार का अपमान हो रहा है.
वहीं, राजद के रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि किसी भी सदन के सदस्य पर चर्चा दूसरे सदन में नहीं होनी चाहिए. खासकर ऐसी स्थिति में जब किसी दल के बड़े नेता के बारे में ऐसी चर्चा सही नहीं है. वहीं,पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि रामचंद्र पूर्वे की बात सही है, लेकिन अगर बिहार की अस्मिता को ठेस लगे, तो उस पर चर्चा करने से परहेज करने का मतलब है कि उसे बिहारियों से कोई लेना-देना नहीं है. दूसरी ओर, किसानों के मुद्दों पर सदस्य सुबोध कुमार ने निंदा प्रस्ताव लाया, जिसे सभापति ने खारिज कर दिया.
Posted By: utpal kant