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बिहार: केके पाठक ने स्कूल के फर्नीचर को नीलाम करने का दिया निर्देश, जानें कहां खर्च होंगे ये पैसे

Bihar News: बिहार में करीब 75 हजार सरकारी स्कूलों में पड़े टूटे-फूटे और खराब पड़े कम्प्यूटर, लैब के बेकार सामान और खेल आदि की सामग्री को नीलाम करने का आदेश दिया गया है. यह आदेश विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने दिया है. बता दें कि खराब पड़े फर्नीचर स्कूलों में गंदगी फैला रहे है.

Bihar News: बिहार में करीब 75 हजार सरकारी स्कूलों में पड़े टूटे-फूटे और खराब पड़े कम्प्यूटर, लैब के बेकार सामान और खेल आदि की सामग्री को नीलाम करने का निर्देश दिया गया है. यह आदेश विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने दिया है. अपर मुख्य सचिव ने राज्य के स्कूलों का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने कई स्कूलों में खराब पड़े फर्नीचर को देखा था. इसके अलावा भी खराब समानों का अंबार लगा हुआ था. इस देखते ही अपर मुख्य सचिव ने तुरंत इन्हें हटाने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही इन सामानों को नीलाम किया जाएगा.

स्कूलों के विकास कार्य में खर्च होंगे रुपए

बता दें कि राज्य में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब इन सामानों को नीलाम किया जाएगा. केके पाठक ने विभाग के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद यह फैसला लिया है. साथ ही नीलामी का आदेश जारी किया है. वहीं, इन सामानों की नीलामी से जो भी राशि आएगी. उसका उपयोग स्कूलों के विकास कार्य में किया जाएगा. स्कूल के विकास में इस राशि को जमा किया जाएगा. फिलहाल, स्कूल के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि खराब समानों की सूची बनाए जाए. प्रयोग में नहीं आने वाले सामानों की सूची बनाई जाए.

विभाग की ओर से शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश

स्कूल को सामान को खरीदने वाले लोगों को संबंधित स्कूलों के प्राधानाध्यापकों को निविदा प्रस्ताव बंद लिफाफे में जमा करना है. यह सभी 31 जुलाई तक यह प्रधानाध्यापक को सौंप सकते है. इससे पहले खरीददार स्कूल में जाकर ऐसे सामानों को देख भी सकेंगे. इसे लेकर भी विभाग की ओर से शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है. इस नए निर्देश में कहा गया है कि स्कूल के निरीक्षण में जानकारी मिली है कि कई सारे अनुपयोगी सामान, कार्यालय उपस्कर, पुराने कंप्यूटर, फर्नीचर आदि इधर-उधर रखे हुए है.

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सामानों का न्यूनतम कीमत निर्धारित

स्कूलों में कई ऐसे सामान रखे हुए है, जिनका कोई उपयोग नहीं है. इस कारण स्कूल परिसर में गंदगी फैसली है. इसके अलावा बच्चों को भी बैठने में परेशानी होती है. इन सभी समस्याओं को देखते हुए यह नया आदेश जारी किया गया है. निर्देश में कहा गया है कि अनुपयोगी सामानों का न्यूनतम कीमत निर्धारित किया जाए. इसके बाद ही सामान की बिक्री की जाएगी. मालूम हो कि कुछ दिन पहले शिक्षा विभाग और उसके सहयोगी विभागों के पदाधिकारियों ने एक साथ 68 हजार से अधिक सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया था.

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स्कूल का हुआ था निरीक्षण

स्कूल के निरीक्षण में 11 हजार से अधिक कर्मचारी एवं पदाधिकारी शामिल हुए थे. निरीक्षण की कमान खुद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने संभाली. उन्होंने पटना और जहानाबाद जिलों के कुल छह स्कूलों का निरीक्षण किया था. इसमें चार पटना जिले में और दो स्कूल जहानाबाद के रहे. पटना जिले के दो स्कूलों में मिली अव्यवस्था से नाराज पाठक ने दो स्कूलों के समूचे स्टाफ का वेतन रोकने के आदेश जारी किया गया. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक पटना जिले के क्षेत्रिय उच्च माध्यमिक विद्यालय फतेहपुर और राजकीय बालिका उच्च विद्यालय अजीम चक के शिक्षक समेत समूचे स्टॉफ का वेतन रोक दिया गया. साथ ही अनुपस्थित शिक्षकों के निलंबन के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया गया था.

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काफी संख्या में शिक्षक मिले अनुपस्थित

निरीक्षण करने वालों में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के अलावा विशेष रूप से सचिव बैद्यनाथ यादव , बिहार मध्याह्न भोजन निदेशक मिथिलेश मिश्र सहित शिक्षा विभाग के सभी निदेशक शामिल रहे. निरीक्षण की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक अधिकतर स्कूलों में शिक्षकों और बच्चों की उपस्थित अब तक की सर्वाधिक बतायी गई. स्कूल में बच्चों की संख्या अप्रत्याशित तौर पर बढ़ी देखी गयी. वहीं शिक्षकों की संख्या भी अच्छी खासी रही. हालांकि काफी संख्या में शिक्षक अनुपस्थित भी मिले. स्कूलों में पहुंचे अधिकारी ने शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति पत्रक देखा. अपने मोबाइल से ही फोटो खींचे. उपस्थित शिक्षकों के फोटो भी खींचे. साथ ही यह जरूर पूछा कि आपके यहां से कोई आंदोलन में तो शिरकत नहीं हुआ. इसके बाद अब स्कूल में खराब पड़े फर्नीचर को बदलने का निर्देश दिया गया है.

Published By: Sakshi Shiva

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