Bihar News: आज यानि एक अप्रेल से नये वित्तीय वर्ष (New Financial Year) 2021-22 का आगाज हुआ है. नये वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही बिहार में कई बदलाव हुए हैं. इसमें से सबसे पहला तो ये कि एक अप्रैल से रजिस्ट्री के साथ ही मकान, दुकान, फ्लैट जमीन का दाखिल- खारिज (Bihar Land Mutation) अपने आप हो जायेगा. रजिस्ट्री के साथ ही म्यूटेशन ( jamin dakhil kharij online bihar) की प्रक्रिया ऑटोमैटिक (स्वत:) शुरू हो जायेगी. वहीं एक मई से सभी थाने ऑनलाइन हो जायेंगे जिससे लोगों को काफी सहूलियत होगी.
बिहार में बिजली की दरों में 0.63 फीसद की वृद्धि की गई है, जो एक अप्रैल से प्रभावी होगा. दरअसल, राज्य में उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर में औसतन 0.63 फीसदी बढ़ोतरी का फैसला बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने दिया है. वहीं मीटर रेंट या फिक्स चार्ज नहीं बढ़ाया गया है. प्रीपेड स्मार्ट मीटर के बिजली बिल में तीन फीसदी की छूट मिलेगी.
बता दें कि वितरण कंपनियों एनबीपीडीसीएल और एसबीपीडीसीएल ने बिजली दरों में औसतन 9.22 फीसदी बढ़ोतरी की मांग की थी. इस पर जन सुनवायी के बाद औसतन केवल 0.63 फीसदी बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया. यह निर्णय एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक या आयोग के अगले टैरिफ आदेश तक प्रभावी रहेगा अनुदान रहित टैरिफ के मुताबिक शहरी क्षेत्र में सौ यूनिट पर 5 से 10 रुपये का अंतर आएगा.
एक अप्रैल से बिहार में अब रजिस्ट्री के साथ ही स्वत: म्यूटेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. जमीन मालिकों को अब म्यूटेशन के झंझट से मुक्ति मिल जायेगी. उन्हें ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी भी तरह से आवेदन नहीं करना होगा. अभी यह सुविधा सिर्फ उन्हीं क्रेताओं को दी जायेगी जिन्होंने जमाबंदीदार रैयत से जमीन की खरीद की हो.
वैसे विक्रेता जिनके नाम पर जमाबंदी कायम नहीं है और उनके नाम से रसीद भी नहीं कटता है उनसे अगर जमीन की खरीद करते हैं तो पहले की तरह ही ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया के तहत दाखिल- खारिज कराना होगा. राज्य के चुनिन्दा रजिस्ट्री कार्यालयों में यह व्यवस्था काम करने लगी है. अब तक लोगों को म्यूटेशन के लिए रजिस्ट्री कराने के बाद डीड की फोटो कॉपी लगाकर ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है.
आवासीय, आय प्रमाण पत्र या जाति प्रमाण पत्र अब अंचलाधिकारी के बदले अंचलों में तैनात राजस्व पदाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी होंगे. 11 साल पहले बिहार सरकार ने इन प्रमाण पत्रों को जारी करने का अधिकार अंचलाधिकारी को दिया था. लेकिन, उन पर काम का अधिक बोझ रहने के कारण इसमें बदलाव किया गया है. इन प्रमाण पत्रों को जारी करने का अधिकतम समय 10 दिन रखा गया है.
बिहार के 25 टोल प्लाजा पर एक अप्रैल से वाहन मालिकों को पांच रुपये से 15 रुपये तक अधिक राशि चुकानी पड़ेगी. ये दरें 31 मार्च, 2022 तक लागू रहेंगी. एनएचएआइ के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस साल विभिन्न वाहनों की श्रेणियों के टोल फीस में 1.69% से 5.88% तक की बढ़ोतरी की गयी है.
एक अप्रैल से अनुमंडल और प्रखंड के उप कोषागारों का जिला कोषागारों में विलय हो गया. उप कोषागारों के जिला कोषागारों में विलय की प्रक्रिया पहले से चल रही थी. नई व्यवस्था के चलते उप कोषागारों में कार्यरत सरकारी सेवकों की सेवा प्रभावित नहीं होगी. उन्हें जिला कोषागार या किसी अन्य सरकारी कार्यालयों में पदस्थापित कर दिया जाएगा.
बिहार के करीब एक करोड़ कामगारों की मजदूरी में 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है, जो एक अप्रैल से प्रभाव में आ गयी है. लिपिकीय और पर्यवेक्षीय (सुपरवाइजर) वर्ग के पारिश्रमिक में 340 रुपये प्रतिमाह बढ़ोत्तरी की गई है. अकुशल श्रमिकों के पारिश्रमिक में 11 से 12 रुपये तक बढ़ोत्तरी हुई है. अर्धकुशल और कुशल श्रमिकों के पारिश्रमिक में 11 रुपये से 19 रुपये तक की बढ़ोत्तरी की गई है. लिपिकीय कर्मचारी को प्रतिमाह 314 रुपये से 340 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है. नये वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही बिहार में कई बदलाव होने तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
Posted By: Utpal Kant