Bihar News प्रथम इंटर लेवल संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2014 के काउंसिलिंग को लेकर दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने स्टाफ सेलेक्शन कमीशन को 11 जनवरी तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. जस्टिस आशुतोष कुमार की एकलपीठ ने विनोद कुमार व अन्य द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया है.
पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (BSSC) द्वारा वर्ष 2014 या वर्ष 2016 में जारी किये गए जाति प्रमाण पत्र को ही मांगने से मना किया है. कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि इस मामले में प्रतिवादियों द्वारा लिए जाने वाला कोई भी अंतिम निर्णय इस याचिका के फलाफल पर निर्भर करेगा.
याचिकाकर्ता ने रिट याचिका के माध्यम से स्टाफ सेलेक्शन कमीशन बिहार द्वारा काउंसिलिंग के लिए चयनित अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़े व अत्यंत पिछड़े वर्गों के अभ्यर्थियों से 31 अक्टूबर, 2014 से 13 मार्च, 2016 तक जारी किए गए नॉन क्रीमी लेयर जाति प्रमाण पत्र की मांग को गैरकानूनी करार दिए जाने की मांग कोर्ट से किया है.
जारी विज्ञापन के अनुसार पिछड़े व अत्यंत पिछड़े वर्गों के उम्मीदवारों से सर्किल ऑफिसर द्वारा जारी इस आशय का जाति प्रमाण पत्र मांगा गया था कि वे क्रीमी लेयर में नहीं आते हैं. विज्ञापन में कहा गया था कि आवेदन के ऑनलाइन फाइलिंग के वक्त पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए नॉन क्रीमी लेयर और अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए जाति प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होगी. काउंसिलिंग के समय इसकी जरूरत पड़ेगी.
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