अनिकेत त्रिवेदी. केंद्र की आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता के मामले में राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंच गया है. रिपोर्ट के अनुसार पूरे देश में प्रति व्यक्ति 407 ग्राम प्रतिदिन की उपलब्धता है, जबकि बिहार में यह आंकड़ा प्रति व्यक्ति 400 ग्राम प्रतिदिन की उपलब्धता मापी गयी है.
वहीं, झारखंड में यह आंकड़ा काफी नीचे हैं. आर्थिक सर्वेक्षण 2021 के अनुसार झारखंड में प्रति व्यक्ति 100 ग्राम प्रतिदिन दूध मिलने का औसत है. रैंकिंग के बात करें , तो अन्य राज्यों की तुलना में बिहार का स्थान नौवें नंबर पर है, वहीं झारखंड की रैंकिंग 16 वें नंबर है.
दूध उत्पादन और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता के मामले में देश में सबसे बेहतर व नंबर वन की स्थिति उत्तर प्रदेश की है. यूपी में दूध की उपलब्धता प्रति व्यक्ति 1200 ग्राम प्रतिदिन से अधिक है. दूसरे नंबर पर राजस्थान प्रति व्यक्ति 1000 ग्राम प्रतिदिन, तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश करीब प्रति व्यक्ति 700 ग्राम प्रतिदिन, चौथे नंबर पर गुजरात और आंध्र प्रदेश प्रति व्यक्ति 600 ग्राम प्रतिदिन से अधिक और पांचवें नंबर पर पंजाब में प्रति व्यक्ति 500 ग्राम प्रतिदिन के लगभग है. वहीं , सबसे नीचे असम की स्थिति है. यहां प्रति व्यक्ति 50 ग्राम प्रतिदिन के लगभग है.
रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष में देश में 198.4 मिलियन टन उत्पादन दर्ज किया गया है. इसमें बीते के वर्षों 5.68 फीसदी वृद्धि हुई है. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक पूरे देश में दूध व दूध उत्पादन की मांग 266.5 मिलियन रहने की संभावना है.
वर्तमान में काॅम्फेड के सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य में दुग्ध संग्रहण लगभग 16.5 लाख किलो प्रतिदिन के ऊपर तथा पाउच दूध की बिक्री 15.5 लाख लीटर प्रतिदिन हो रही है. इसके अलावा लगभग 2.25 लाख लीटर समतुल्य का सुधा दुग्ध उत्पाद की बिक्री हो रही है.
वर्ष 2020 में 5.0 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता के डेयरी प्लांट एवं तीन सौ एमटी प्रतिदिन क्षमता के पशु आहार कारखाना की शुरुआत बिहियां में की जा चुकी है. कॉम्फेड द्वारा अगले तीन -चार माह में 2.0 लाख लीटर प्रतिदिन का दो नये निर्माणाधीन डेयरी संयंत्र भागलपुर एवं पूर्णिया को चालू करने का भी निर्णय लिया गया है.
Posted By: Utpal kant