Bihar News: बिहार के दो जिले देश के टॉप तीन प्रदूशित शहरों में शामिल है. यहां की हवा पिछले साल के मुकाबले बिगड़ गई है. देश के टॉप तीन प्रदूषित शहरों में बिहार के दो शहर शामिल है. रेस्पायरर लिविंग साइंसेज ने देश के 10 प्रदूषित शहरों की सूची को जारी किया है. इसमें दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित शहर है. वहीं, देश का दूसरा सबसे सर्वाधित प्रदूषित शहर पटना है. इसके बाद तूसरे स्थान पर मुजफ्फरपुर जिला है. बता दें कि इस रिपोर्ट के अनुसार मिजोरम के आईजोल शहर को सबसे साफ हवा वाला शहर बताया गया है. फिलहाल, दिल्ली के साथ ही बिहार के जिलों को भी प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसके बाद भी राज्य के यह दो जिले देश के टॉप तीन प्रदूषित शहर में शामिल है.
प्रदूषण को लेकर जारी इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषण का अधिक असर गंगा के मैदानी भाग वाले हिस्सों में है. इस रिपोर्ट में टॉप 10 शहरों में दिल्ली-एनसीआर और बिहार के शामिल हैं. यह सभी शहर गंगा के मैदानी भाग में हैं. इसी प्रकार गंगा के मैदान से दूर मिजोरम का आइजोल सबसे साफ हवा वाला स्थान बताया गया है. यहां पीएम 2.5 का स्तर महज 11.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया है. बिहार में बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है. टॉप 10 की सूची में शामिल सात जिले दिल्ली- एनसीआर और बिहार के शामिल है. दिल्ली का प्रदूषण विश्व स्वास्थ्य संगठन की लिमिट से 20 गुणा अधिक है. दूसरी ओर पटना 99.7 माइक्रोय घनमीटर के साथ दूसरे स्थान पर है. यहां पिछले साल की तुलना में वायु गुणवत्ता में 24 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है.
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बता दें कि पीएम 2.5 में बारीक जहरीले कण होते हैं. यह फेफड़ों में गहराई से प्रवेश करने की क्षमता रखते है. इस कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इससे जहरीले कण रक्त प्रवाह में प्रवेश कर सकते हैं. यह हृदय रोग के साथ ही स्ट्रोक और अन्य श्वास संबंधी रोग का कारण बन सकते हैं. प्रदूषण लोगों की सेहत के लिए एक गंभीर परेशानी है. एक्सपर्ट बताते हैं कि एयरबोर्न पीएम 2.5 का बढ़ा हुआ स्तर हृदय और श्वसन संबंधी बीमारियों और यहां तक कि फेफड़ों के कैंसर का की भी वजह बन सकता है. ऐसे में सभी लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरुरत होती है.
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पीएम 2.5 का स्तर मुख्य रुप से जंगल की आग, बिजली संयंत्रों और औद्योगिक प्रक्रियाओं की वजह से बढ़ जाता है. पीएम 2.5 के बढ़ने की वजह से धुंध छाने और साफ नहीं दिखाई देने के साथ कई गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है. यह कण आसानी से सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश करके गले में खराश, जलन और फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखते है. पीएम 2.5 का डाटा हवा में सुक्ष्म कणों को मापता है. स्वास्थ्य पर वायु के प्रभावों को देखने के लिए इसका बड़े तौर पर उपयोग किया जाता है.
दिल्ली 100.1
पटना 99.7
मुजफ्फरपुर 95.4
फरीदाबाद 89
नोएडा 79.1
गाजियाबाद 78.3
मेरठ 76.9
नलबाडी 75.6
आसनसोल 74
ग्वालियर 71.8
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आईजोल शहर की हवा सबसे साफ है. यहां सबसे अधिक प्रदूषण अक्टूबर से मार्च के महीने में होता है. इसके बाद नलबाड़ी और ग्वालियर देश का सबसे कम प्रदूषित शहर है. इस रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में पिछले साल की अपेक्षा कुछ सुधार हुई है. लेकिन, यह सुधार बहुत कम है. रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में पीएम 2.5 की सांद्रता 100.1 माइक्रोग्राम/ घन मीटर रही है. यह सरकार मानक ‘अच्छे’ से तीन गुना अधिक हैं. वहीं डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित मानक से करीब बीस गुणा है. बता दें कि मुजफ्फरपुर जिले में प्रदूषण नौ फीसदी बढ़ा है. वहीं, पटना के प्रदूषण में 24 फीसदी का इजाफा हुआ है. इस कारण यहां की हवा खतरनाक लोगों के लिए खतरनाक हो गई है.
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