Bihar News: बिहार विधानसभा के सत्र के दूसरे दिन पटना में आंगनबाड़ी सेविका ने प्रदर्शन किया है. यह विधानसभा का घेराव करने पहुंची थी. लेकिन, पुलिस ने इन्हें रोका है और वाटर कैनन का उपयोग किया है. इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने ऐसा किया है. क्योंकि इनके पास प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं थी और इन्हें पुलिस की गर्दनीबाग धरना स्थल पर भेजा जा रहा है. बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है. जाति गणना की आर्थिक एवं सामाजिक आंकड़े से संबंधित रिपोर्ट बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश की जायेगी.
सोमवार को शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई है. सदन की कार्यवाही 11 बजे से शुरू होगी. इस बीच आगनबाड़ी सेविकाओं ने प्रदर्शन किया है. विधानसभा गेट के बाहर सैकड़ों की तादात में आंगनबाड़ी सेविकाएं पहुंच गई. इन्होंने प्रदर्शन करना शुरु कर दिया. पुलिस ने प्रदर्शन कर रही सेविकाओं को हटाया है. इनके ऊपर वाटर कैनन का प्रयोग किया गया. इन्होंने पांच सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया है. अपनी मांगों को लेकर बिहार विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बेहोश भी हो गई.
#WATCH पटना: अपनी मांगों को लेकर बिहार विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बेहोश हो गईं। pic.twitter.com/BkDPSZWELg
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 7, 2023
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आंगनबाड़ी सेविकाओं की मांग है कि इनके मानदेय को दोगुना कर दिया जाए. इनका कहना है कि यह प्रदर्शन जारी रहेगा. जबतक इनकी मांग पूरी नहीं हो जाती है. वहीं, बता दें कि बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 6 से 10 नवंबर तक चलेगा. इस दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए 70 मजिस्ट्रेट व पुलिस पदाधिकारी की तैनाती की गई है. वहीं, बगैर प्रवेश पास के विधानमंडल परिसर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है. यहां प्रदर्शन की भी अनुमति नहीं है.
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आंगनबाड़ी सेविकाओं का कहना है कि राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने चुनाव के समय मानदेय दोगुना करने का वादा किया था. लेकिन, ऐसे नहीं हुआ है. इस कारण यह अपना प्रदर्शन जारी रखेगी. आंगनबाड़ी सेविकाएं विधानसभा का घेराव करने पहुंची थी. यह अपनी मांगों को लेकर डेढ़- दो महीने से हड़ताल कर रही है. इनकी लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग है. सेविकाओं का कहना है कि इनके साथ अन्याय किया जा रहा है. इनका मानदेय कम से कम 25000 रुपए होना चाहिए. इनके अनुसार यह जन्म से लेकर मृत्यु तक काम करती है. लेकिन इनका मानदेय नहीं बढ़ाया जा रहा है.
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