बिहार में भाजपा को सत्ता से बाहर करके बनी नयी महागठबंधन सरकार में अब एक नया विवाद छिड़ गया है. कांग्रेस की नाराजगी सामने आने लगी है. मंत्रीमंडल में हिस्सेदारी को लेकर कांग्रेस खेमें में ये नाराजगी देखी जा रही है. बिहार में कांग्रेस के विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए साफ कहा है कि गठित मंत्रिमंडल में कांग्रेस को कम हिस्सेदारी मिली है.
बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी. जदयू के साथ राजद, कांग्रेस और हम पार्टी ने मिलकर सरकार बनायी. वामदलों ने सरकार को बाहर से समर्थन दिया. मंत्रिमंडल गठन से पहले कांग्रेस को लेकर ये कयास लगाये जाते रहे कि तीन से चार मंत्री पद कांग्रेस के हिस्से आएंगे. लेकिन जब शपथ ग्रहण हुआ तो कांग्रेस की ओर से दो मंत्रियों ने शपथ लिया.
कांग्रेस खेमें में हिस्सेदारी को लेकर शुरू से विवाद दिखता रहा. प्रदेश कार्यालय में भी कार्यकर्ताओं ने हंगामा करके अपनी नाराजगी प्रकट की थी. वहीं अब कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा है कि हमें अनुपात में मंत्रिमंडल में कम सीटें मिली. राजद, जदयू और हम से तुलना करते हुए उन्होंने बताया कि कांग्रेस के 19 विधायक हैं. जिस अनुपात में मंत्री पद का बंटवारा हुआ उस हिसाब से कांग्रेस को कम से कम 4 मंत्री पद मिलना चाहिए था. अगर 3+1 का कॉम्बिनेशन होता तो बेहतर होता.
कांग्रेस नेता अजीत शर्मा ने दिल्ली में राहुल गांधी से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत में ये नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कांग्रेस को लेकर कहा कि अभी प्रदेश में कांग्रेस की ओर से एक दलित और एक मुस्लिम को मंत्री बनाया गया है. एक सवर्ण को भी बना दिया जाता. कांग्रेस सूबे में इसी समीकरण पर चुनाव जीतती आयी है. उन्होंने एक सवर्ण को मंत्री बनाने की इच्छा जाहिर की.
Posted By: Thakur Shaktilochan