Bihar Politics: बिहार भाजपा (Bihar BJP) के प्रभारी भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) द्वारा राजद (RJD)को लेकर दिए गए बयान पर सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है. एक तरफ राजद नेताओं ने जहां भाजपा (BJP) पर हमला बोला वहीं जदयू (JDU) ने भाजपा नेता के बयान का समर्थन किया. रिपोर्ट के मुताबिक, जदयू सांसद ललन सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि भूपेंद्र यादव तो राजद में टूट की बात कम ही बोल रहे हैं. वो जिस दिन चाह लेंगे उस दिन राजद का विलय हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि राजद में कोई नेता नहीं है. जिस नेता को किसी चीज का ज्ञान नहीं है उसके किसी सवाल का जवाब कैसे दिया जा सकता है. ललन सिंह ने कहा कि उनकी नजर केवल बिहार के विकास पर है ना कि किसी दल को तोड़ने पर. जदयू सांसद ने कहा कि हमने कभी किसी दल को तोड़ने की बात नहीं की है, हम विकसित बिहार बनाना चाहते हैं और नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में लगातार काम चल रहा है.
जदयू प्रदेश कार्यालय में सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता को सांसद संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राजद के नेता को कोई ज्ञान नहीं है. तभी उन्होंने अपने चुनावी भाषण में सरकार बनने पर पहली कैबिनेट की बैठक में 10 लाख नौकरी देने की घोषणा कर दी थी. जबकि उन्हें यह पता नहीं है कि सीधे तौर पर नौकरी देना किसी सरकार के बूते में नहीं है. बहाली की प्रक्रिया शुरू करने का अधिकार ही सिर्फ सरकार को है. अलग-अलग नौकरी में बहाली की विभिन्न प्रक्रिया निर्धारित है, जिसके माध्यम से ही नौकरी मिलती है.
इधर, जदयू के एक और नेता केसी त्यागी ने भी भूपेंद्र यादव की बात का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि ऐसा वाकई में देखने को मिल रहा है कि राजद के नेता अब पार्टी में चल रहे परिवारवाद से खुश नहीं हैं. कहा कि भूपेन्द्र यादव का होमवर्क काफी अच्छा होता है. वो कोई बात कहते हैं तो ऐसे नहीं कहते हैं. इसके पीछे वो काफी होमवर्क करते हैं तब अपनी बातों को सभी के सामने रखते हैं.
वहीं इस मामले को लेकर कई राजद नेताओ ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने न सिर्फ भाजपा को हैसियत में रहने की सलाह दी बल्कि ये भी दावा कर दिया कि खरमास बाद भाजपा में टूट होने वाली है. फिलहाल बिहार की सियासत में टूट पर टकराव जारी है.