Bihar Politics: तमाम अटकलों को विराम देते हुए रविवार को रालोसपा (RLSP) का नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पार्टी जदयू (JDU)के साथ विलय हो गया. उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के जदयू में शामिल होते ही बिहार की सियासत का पारा हाई हो गया. चिराग पासवान (Chirag Paswan) के ‘बंगले’ में आग लग गयी तो वहीं तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के लालटेन का लौ भी भड़क गया.
लोजपा (LJP) और राजद (RJD) इस मौके पर उपेंद्र कुशवाहा पर जबरदस्त निशाना साधा. चिराग की पार्टी ने तो सीएम नीतीश को खुल्लमखुल्ला चैंलेज दे दिया कि अगर कुशवाहा के साथ आने से आपकी ताकत बढ़ गयी है तो चलिए, आइए मैदान में. लोजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से एक के बाद एक कई प्रवक्ताओं के बयान जारी किए.
इसमें एक लोजपा प्रवक्ता ने नीतीश कुमार को सीधी चुनौती देते हुए कहा है कि अगर रेजगारी बटोरने से उनकी ताकत बढ़ गई है तो जदयू को चुनाव में चलना चाहिए. कहा कि बिहार के विकास के लिए ढोंग कर रहे लोग अब बेनकाब हो रहे हैं. आगे कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रेजगारी इकट्ठा कर रहे हैं. लेकिन वे समझ लें कि रेजगारी से जंग नहीं जीती जा सकती. सत्ता के लोभ से लाचार होकर लिए गए फ़ैसले के लिए बिहार की जनता आने वाले चुनाव में हिसाब करेगी. क्योंकि नीतीश कुमार फूंके हुए कारतूस के साथ से जंग लड़ना चाहते हैं.
रिचकारी बटोरने पर मजबूर कर दिया लोजपा ने-
अशरफ़ अंसारी
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वहीं एक अन्य प्रवक्ता ने कहा कि चिराग पासवान शेर हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग ने अकेले लड़ कर नीतीश कुमार को रेजगारी बटोरने पर मजबूर कर दिया है. अब मजबूत हुए नीतीश कुमार को मैदान में आकर चुनाव लड़ना चाहिए. तभी पता चलेगा कि नीतीश कुमार कितने पानी में हैं.
सत्ता के मोह में है उपेन्द्र कुशवाह-
राजेश भट्ट
लोजपा नेता pic.twitter.com/6hTyEIzTC8— Lok Janshakti Party (@LJP4India) March 14, 2021
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जदयू से अलग होकर नीतीश कुमार की नीतियों के खिलाफ उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का गठन किया था. लेकिन अपनी राजनीतिक वजूद समाप्त होते पर अब वह गिरगिट की तरह रंग बदलने लगे हैं. पहले नीतीश कुमार की नीति बिहार में शिक्षा स्वास्थ्य को लेकर उपेंद्र कुशवाहा लगातार आवाज उठा रहे थे. आज खुद ही नीतीश कुमार की नीतियों पर चलने को विवश हो गए हैं
Posted By: utpal kant