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पटना की हवा दिल्ली की तरह खतरनाक, AQI 400 पार, बिहार के इन शहरों में प्रदूषण ने सांस लेना किया मुश्किल..

Bihar Pollution News: बिहार में पटना समेत कई शहरों की आबोहवा खराब हो गयी है. दिल्ली की तरह ही कई जगहों पर प्रदूषण ने खतरनाक रूप ले लिया गया. एक्यूआई 400 के पार मापा गया. प्रदूषण बढ़ने की वजह से लोगों को सांस लेना मुश्किल होने लगा है. जानिए वजह..

Bihar Pollution News: एक तरफ दिल्ली जहां प्रदूषण ने लोगों को तबाह किया है वहीं बिहार के भी कई शहर प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. राजधानी पटना की हवा उसी श्रेणी में पायी गयी जो दिल्ली की है. महज सात दिनों के अंदर पटना का वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 अंक के ऊपर पहुंच गया. वहीं भागलपुर-पूर्णिया-सहरसा समेत आधा दर्जन से अधिक जिलों की हवा खराब हो चुकी है. प्रदूषण के इस प्रकोप को रोकने के लिए पटना के सभी वार्डों में अब नगर निगम की टीम बनायी गयी है. प्रदूषण बढ़ने से सांस लेने में अब लोगों को तकलीफ होने लगी है. मास्क का उपयोग लोग कर रहे हैं. जानिए क्या है इसकी वजह..

पटना की हवा भी खराब, एक्यूआइ 300 के पार

दिल्ली के बाद पटना में भी वायु गुणवत्ता की स्थिति चिंताजनक हो गयी है. पिछले कुछ दिनों से शहर के वायुमंडल में प्रदूषण बढ़ रहा है. मंगलवार को भी पटना में वायु प्रदूषण काफी बढ़ा रहा. शहर के छह में से पांच एक्यूआइ स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता 300 के पार दिखी. दानापुर डीआरएम ऑफिस के पास एक्यूआइ 314, पटना सिटी, शिकारपुर का एक्यूआइ 305 हो गया. वहीं तारामंडल के पास एक्यूआइ 191 रहा. अशोक राजपथ, मुरादपुर के पास लगे स्टेशन का एक्यूआइ 416 रहा जो बेहद गंभीर स्थिति है. जानकारों का कहना है कि अशोक राजपथ में चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट काम को लेकर वायु प्रदूषण ज्यादा बढ़ा हुआ है. इसके अलावा पुनाईचक के राजवंशी नगर में 352 एक्यूआइ और समनपुरा में 366 एक्यूआइ दर्ज किया गया. पटना के अलावा राजगीर में 312, आरा में 276, भागलपुर में 340 , कटिहार में 298, किशनगंज में 248, मुजफ्फरपुर में 309, पूर्णिया में 339 बिहारशरीफ में 141,हाजीपुर में 198 और मुंगेर में 172 एक्यूआइ दर्ज किया गया .

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भागलपुर में प्रदूषण स्तर बढ़ा, सांस लेने में परेशानी बढ़ी

भागलपुर जिले के मौसम में तेजी से बढ़लाव हो रहा है. शाम से लेकर सुबह तक ठंडक महसूस हो रही है. अंधेरा ढलते ही शहर हल्की धुंध की चादर ओढ़ लेता है. तापमान में कमी आ रही है. मंगलवार को दिन में अधिकांश समय बादल छाये रहे. धूप का असर कम रहा. वहीं अधिकतम तापमान 29.6 डिग्री व न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री रहा. बदलते मौसम के बीच शहर की हवा भी प्रदूषित हो रही है. सात नवंबर को अधिकतम वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 340 रहा. लंबे समय तक खराब हवा के संपर्क में रहने पर, ज्यादातर लोगों को सांस लेने में कठिनाई हुई. बीएयू के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अनुसार आठ से 13 नवंबर के बीच भागलपुर में अधिकतम तथा न्यूनतम तापमान सामान्य रहेगा. सुबह में हल्की धुंध रहेगी. बुधवार को आसमान में हल्के बादल छाये रह सकते हैं. 9 से 13 नवंबर के बीच आसमान साफ रहेगा.

मुजफ्फरपुर की भी आबोहवा खराब

मुजफ्फरपुर की भी आबोहवा खराब हो गयी है. गंदगी व धूल के साथ शहर की खराब हुई आबोहवा को सुधारने के लिए नगर निगम अब सुबह के साथ-साथ दोपहर व शाम में भी सड़कों पर पानी का छिड़काव करायेगा. इसकी शुरुआत मंगलवार से हो गयी है. इसका नतीजा है कि सोमवार की तुलना में मंगलवार के वायु प्रदूषण के स्तर पर थोड़ा सुधार हुआ है. सोमवार को सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड के अनुसार शहर की हवा का एक्यूआई 309 से घटकर 265 पर पहुंच गया है. हालांकि मिठनपुरा इलाके के एक्यूआइ में कमी नहीं आयी है. रात्रि 9 बजे यहां का एक्यूआई 314 दर्ज किया गया.

मुजफ्फरपुर में शुरू की गयी कार्रवाई

मुजफ्फरपुर के नगर आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है. पानी का नियमित रूप से छिड़काव होगा. स्मार्ट सिटी के साथ-साथ नगर निगम व अन्य विभागों से जो निर्माण कार्य चल रहा है. सभी को ग्रीन कवर कर निर्माण करने को कहा गया है. सिकंदरपुर मन के सौंदर्यीकरण को लेकर चल रहे निर्माण कार्य में ग्रीन कवर करना मुश्किल है. लेकिन, एजेंसी को नियमित रूप से सड़कों पर पानी छिड़कने का आदेश दिया गया है. निजी रूप से आवासीय व कमर्शियल भवनों का निर्माण कर रहे लोगों को भी ग्रीन कवर करना है. बिल्डिंग बायलॉज में ही इसका जिक्र है. जांच में पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी.

प्रदूषण बढ़ने की वजह क्या है?

प्रदूषण बढ़ने के कारणों के बारे में इस मामले के जानकार बताते हैं कि वातावरण में बढ़ रहे धूलकणों की वजह से आबोहवा खराब हो रही है. ये एकमात्र वजह नहीं है लेकिन एक बड़ी वजह जरूर है. पटना की हवा खराब होने की मुख्य वजह पीएम 10 और पीएम 2.5 है. मोटे और महीन धूलकण ने पटना में एक्यूआइ मानक को बढ़ा दिया है. पीएम 10 यानी मोटे धूलकण की मात्रा मानक से छह गुना अधिक हो चुका है. वहीं भवन निर्माण के दौरान बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करते हुए धडल्ले से बिना हरा कपड़ा से कवर किए बिना निर्माण कार्य होता है. जिससे वायु प्रदूषण तेजी से फैलता है.

AQI मानक को जानिए..

एक्यूआई मानक में 201 से 300 को खराब और 301 से 400 को बहुत खराब माना गया है. जबकि 401 से 500 के बीच अगर एक्यूआई है तो ये खतरनाक का संकेत है. जबकि 0 से 50 को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक और 101 से 200 को औसत माना गया है.

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