Bihar Road Projects: बिहार की दो सड़क परियोजनाओं को लेकर बड़ी जानकारी सामने आयी है. पटना के बख्तियारपुर-मोकामा फोरलेन ग्रीनफील्ड एनएच-31 के निर्माण व मुंगेर से मिर्जाचौकी ग्रीनफील्ड फोरलेन एनएच निर्माण कार्य जारी है. इस दो सड़क परियोजना से कई जिलों के लोगों को लाभ मिलेगा. फोरलेन निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. बख्तियारपुर-मोकामा फोरलेन ग्रीनफील्ड सड़क (Bakhtiyarpur Mokama Four Lane) व मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क (Munger Mirzachowki Four Lane Road) में फंसा पेंच सुलझा लिया गया है. जानिए दोनों सड़क कबतक बनकर तैयार हो जाएगी.
पटना के बख्तियारपुर-मोकामा फोरलेन ग्रीनफील्ड एनएच-31 का निर्माण करीब 44.6 किमी लंबाई में 15 फरवरी 2024 तक पूरा हो जायेगा. इस पर गाड़ियां दौड़ने लगेंगी. इस सड़क के बनने से पटना से बख्तियारपुर होकर मोकामा, बरौनी, बेगूसराय व लखीसराय की तरफ आवागमन में सुविधा होगी. इस सड़क पर टोल प्लाजा भी बन रहा है. इससे होकर गुजरने वाली गाड़ियों को टोल टैक्स देना होगा.
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सूत्रों के अनुसार फिलहाल इस सड़क के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया में सभी मौजों की जमीन का दखल कब्जा एनएचएआइ को राज्य सरकार की तरफ से उपलब्ध करवा दिया गया है. साथ ही सरकार ने स्थानीय अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता और अंचल अधिकारी को इस सड़क के निर्माण में सहयोग का निर्देश दिया है. वहीं मोकामा से बाढ़ तक करीब 28 किमी लंबाई में फोरलेन का निर्माण लगभग पूरा हो गया है. इसके साथ ही बाढ़ और बख्तियारपुर के बीच अब मुआवजे के फंसे पेंच का भी समाधान हो चुका है.
सूत्रों के अनुसार बख्तियारपुर-मोकामा फोरलेन ग्रीनफील्ड के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया 20 मई, 2013 से शुरू हुई थी. अधिकतर जमीन अधिग्रहण के बाद इसे बनाने की जिम्मेदारी करीब 837 करोड़ रुपये की लागत से 14 जून, 2017 को निर्माण एजेंसी को दी गयी. बाद में बची जमीन के अधिग्रहण में कम एमवीआर पर भुगतान का मामला तूल पकड़ने और रैयतों द्वारा अधिक मुआवजे की मांग के कारण सड़क निर्माण बाधित हुआ. सड़क को बना कर तैयार करने की समयसीमा 10 दिसंबर, 2019 तय की गयी थी, लेकिन निर्माण कार्य बाधित होने से इसे बढ़ाकर दिसंबर 2021 करना पड़ा. इस समयसीमा में भी सड़क नहीं बनने पर इस समय सीमा को बढ़ाना पड़ा.
इधर, मुंगेर से मिर्जाचौकी ग्रीनफील्ड फोरलेन एनएच निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इसमें मुंगेर जिले में पहले पैकेज में करीब साढ़े नौ किमी लंबाई में जमीन अधिग्रहण का पेच फंसा हुआ था. इसके मुआवजे के भुगतान की राशि एनएचएआइ की तरफ से राज्य सरकार को उपलब्ध करवा दी गयी है. अब संबंधित रैयतों को मुआवजे की राशि भुगतान की प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में शुरू हो जायेगी. इसके बाद एनएचएआइ को राज्य सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध करवा दी जायेगी. फिलहाल इस साढ़े नौ किमी लंबाई को छोड़कर अन्य हिस्सों में निर्माण की प्रक्रिया जारी है.
सूत्रों के अनुसार मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर करीब 124 किमी लंबाई में करीब 5788 करोड़ की लागत से चार पैकेज में बनेगी. इसका निर्माण 2025 में पूरा करने का लक्ष्य है. इसमें से पहले पैकेज का काम मुंगेर जिले में शुरू हो चुका है. उसी में करीब साढ़े नौ किमी लंबाई में जमीन अधिग्रहण का पेच फंसा हुआ था. इस परियोजना को लेकर पिछले दिनों पटना हाइकोर्ट ने भी निर्माण कार्य तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया था. इस सड़क के बनने से झारखंड और बंगाल से अंतरराज्यीय परिवहन सेवा भी शुरू हो सकेगी. साथ ही मुंगेर, जमुई, बांका, खगड़िया, बेगूसराय, लखीसराय आदि जिलों के लोगों को काफी फायदा होगा.
वहीं पटना में स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत बड़े नालों के पुनर्विकास के तहत मंदिरी नाले पर सड़क सह आरसीसी ड्रेन के निर्माण का काम पिछले एक महीने से तेजी से चल रहा है. नयी एजेंसी को नौ महीने में काम पूरा करना है. इसी रफ्तार से अगर निर्माण कार्य चलता रहा, तो तय लक्ष्य जून 2024 तक काम पूरा हो सकता है. मंदिरी नाले के पुनर्विकास पर वर्तमान में करीब 88 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे है. इसमें दो लेन की सड़क, एक सर्विस रोड और आरसीसी ड्रेन का निर्माण होना है. वहीं साल 2022 में मंदिरी नाले पर दो लेन की सड़क के साथ आरसीसी ड्रेन के निर्माण कार्य पर करीब 67 करोड़ रुपये का खर्च होना था. बता दें कि नगर में यह पहली सड़क होगी, जो पूरी तरह से ड्रेन के ऊपर बनी होगी. इसकी लंबाई 1.289 किलोमीटर होगी. स्मार्ट सिटी के एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (एबीडी) का यह पहला प्रोजेक्ट है, जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है.