बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के निर्देश के बाद अबतक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 3.32 लाख विद्यार्थियों के नाम काटे जा चुके हैं. तीन दिन से अधिक अनुपस्थित रहने वाले ये विद्यार्थी हैं जिनका नाम अब विद्यालय से निरस्त कर दिया गया है. शिक्षा विभाग की आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक सर्वाधिक 46 हजार से अधिक नाम कक्षा चार के बच्चों के काटे गये हैं. कक्षा पांच के 44 हजार से अधिक, कक्षा तीन के 40 हजार से अधिक, कक्षा छह के 39 हजार से अधिक , कक्षा सात के 38 हजार से अधिक बच्चों के नाम काटे गये हैं. कक्षा दो के 31 हजार और कक्षा एक के 20 हजार से अधिक बच्चों के नाम काटे गये हैं. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक यह बच्चे हैं जो लगातार तीन दिन से अधिक समय से अनुपस्थित रहे हैं. हालांकि विभाग ने अधिकारियों को बता रखा है कि इन बच्चों का नाम किस तरह फिर से स्कूल में लिखाया जा सकता है. वहीं सैकड़ों शिक्षकों पर भी गाज गिरी है. कई निलंबित किए जा चुके हैं तो कई शिक्षकों के निलंबन को लेकर अनुशंसा की गयी है.
स्कूल नहीं आने वाले छात्रों का नामांकन रद्द करने के मामले में बिहार के तमाम जिलों में शिक्षा विभाग एक्शन मोड में है. कटिहार में 18 हजार से अधिक ऐसे बच्चों के नाम स्कूल से काटे जा चुके हैं. सुपौल जिले में अब तक साढ़े तीन हजार से अधिक छात्रों का नामांकन रद्द कर दिया गया है. यह अभियान लगातार जारी है. शिक्षा विभाग कि मानें तो जिले में 10 हजार से अधिक छात्रों का नामांकन रद्द होने वाला है. इसको लेकर एक बार फिर प्रधानाध्यापक के नाम पत्र जारी कर कई दिशा निर्देश दिए गए हैं और नामांकन रद्द करने नियमित रिपोर्ट भी सौंपने को कहा गया है. विभाग की मानें नामांकन रद्द करने की कार्रवाई से एक तरफ स्कूलों में लिए गये फर्जी नामांकन पर अंकुश लगेगा तो दूसरी ओर विभाग को राजस्व की भी काफी बचत होगी. बताया जा रहा है कि कई जगह योजनाओं के लाभ के लिए प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों ने भी सरकारी स्कूल में नामांकन ले रखा था. इसके अलावा नवोदय और सैनिक स्कूलों की प्रवेश परीक्षा के लिए भी प्रारंभिक स्कूलों में नामांकन लिया जाता था. पूर्व में सख्ती नहीं होने की वजह से पैरवी-पहुंच के आधार पर ऐसे छात्रों की 75 फीसदी उपस्थिति भी बन जाती थी तो उन्हें नवोदय और सैनिक स्कूलों की प्रवेश परीक्षा के समय सरकारी स्कूल से टीसी भी मिल जाता था. लेकिन नामांकन रद्द करने के अभियान की शुरुआत होने के ऐसे छात्रों का पोल खुलने लगा है तो स्कूलों में सही छात्रों की उपस्थिति भी बढ़ने लगी है.
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नामांकन रद्द अभियान को लेकर शिक्षा विभाग से एचएम को कई दिशा निर्देश दिया गया. बताया जा रहा है कि एचएम हर दिन पोषक क्षेत्र का भ्रमण करेंगे और ऐसे छात्र जो स्कूल नहीं आ रहे हैं, उनके अभिभावक को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जायेगा. लगातार तीन दिन अनुपस्थित रहने पर एचएम छात्रों के नाम नोटिस जारी करेंगे. इसके बाद भी अगर 15 दिनों तक लगातार छात्र अनुपस्थित रहे तो नामांकन रद्द कर दिया जायेगा. इसके अलावा पूरे सत्र में 75 फीसदी उपस्थिति होने के बाद ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. सुपौल के डीपीओ एसएसए प्रवीण कुमार ने बताया कि 15 दिन से अधिक अनुपस्थित रहने वाले छात्रों का नामांकन रद्द किया जा रहा है. विभाग से कम कम जिले में 10 हजार नामांकन रद्द करने का लक्ष्य रखा गया है. अब तक साढ़े तीन हजार नामांकन रद्द किया जा चुका है. बता दें कि शिक्षा विभाग ने अधिकारियों को कहा है कि अगर अभिभावक शपथ पत्र के माध्यम से फिर नामांकन के लिए आवेदन देते हैं तो नामांकन कर लिये जायें.
वैशाली में शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश के बाद जिले के विभागीय अधिकारी से लेकर प्रखंड स्तर के पदाधिकारी लगातार विद्यालयों की जांच में जुटे हैं. जांच कार्य में सभी प्रखंडों के बीइओ, कार्यालय के कर्मचारी के साथ जिले के चार डीपीओ समेत कुल 52 कर्मचारी निरीक्षण का कार्य कर रहे हैं. निरीक्षण कार्य के नेतृत्व की जिम्मेदारी जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी गयी है. डीइओ प्रतिदिन के निरीक्षण कार्य का प्रगति रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को दे रहे हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुसार जांच के दौरान विद्यालयों में कमी पाये जाने एवं शिक्षकों के अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई भी साथ साथ की जा रही है. जिले में निरीक्षण के दौरान सोमवार तक विद्यालय से अनुपस्थित रहने वाले कुल 19 हजार 322 विद्यार्थियों का नाम काटा जा चुका है. वहीं 184 शिक्षकों का वेतन कटौती की कार्रवाई की गयी है तथा लंबी अवधि से विद्यालय में अनुपस्थित रहने वाले 14 शिक्षकों को निलंबित करने के लिए विभाग को लिखा गया है. बता दें कि नियोजन इकाई द्वारा चार शिक्षकों को अब तक निलंबित किया जा चुका है.
बता दें कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शिक्षा विभाग लगातार नये-नये फरमान जारी कर रहा है. पिछले दो महीने से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के द्वारा निर्देश जारी किए जाने के बाद विद्यालयों में जहां छात्रों की उपस्थिति में बेतहासा वृद्धि देखी जा रही है. वहीं विद्यालयों में भी काफी बदलाव देखा जा रहा है. उधर, अपर मुख्य सचिव के के पाठक लगातार जिलों में सरकारी स्कूल का निरीक्षण कर रहे हैं जिससे हड़कंप मचा रहता है.