बिहार में 1.70 लाख पदों के लिए हो रही विद्यालय अध्यापक की भर्ती के लिए आवेदन करने से पहले अभ्यर्थी पूरी तरह सुनिश्चित कर लें कि उनकी अर्हता और तैयारी पूरी है. वैसे तो सीटीइटी में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को भी बिहार लोक सेवा आयोग ने आवेदन की छूट दे दी है, बशर्ते परीक्षा 31 अगस्त तक हो जाये. लेकिन, अभ्यर्थी सीटीइटी क्वालिफाई नहीं कर सके, तो एक मौका यूं ही हाथ से चला जायेगा. शिक्षाविद् डॉ प्रभात कुमार का कहना है कि बीपीएससी से आयोजित होने वाली अध्यापक भर्ती परीक्षा में किसी भी अभ्यर्थी को तीन बार ही शामिल होने का मौका मिलेगा. ऐसे में उन्हें पूरी तैयारी के साथ दावेदारी करनी चाहिए.
डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि शिक्षक बनने की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए अच्छी बात है कि अब तक सीटीइटी या एसटीइटी क्वालिफाई नहीं किये हैं, तो भी उन्हें आवेदन का मौका दिया गया है. लेकिन, इसका नुकसान भी है. यदि जल्दबाजी में बिना तैयारी के आवेदन कर दिये, तो एक मौका हाथ से चला जायेगा. प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के लिए विद्यालय अध्यापक भर्ती परीक्षा के लिए 14 जून से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. 12 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन के लिए अंतिम तिथि निर्धारित की गयी है. वहीं 24 से 27 अगस्त तक परीक्षा की तिथि प्रस्तावित है.
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विद्यालय अध्यापक के मूल कोटि कक्षा एक से पांच के पद पर नियुक्ति के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत के साथ उच्चतर माध्यमिक अथवा समकक्ष और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त किसी संस्थान से चार वर्षीय बीए बीएड या बीएससी बीएड की डिग्री वाले अभ्यर्थी भी आवेदन कर सकते हैं. आयोग की ओर से जारी विज्ञापन में कहा गया है कि चार वर्षीय उपाधि की अर्हता को शर्त के साथ शामिल किया गया है. अभ्यर्थी को नियुक्ति के दो साल के अंदर एनसीटीइ से मान्यता प्राप्त प्राथमिक शिक्षा में छह महीने का ब्रिज कोर्स अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा. संबंधित विद्यालय अध्यापक को प्रशिक्षण पूरा करने के लिए छह महीने का सवैतनिक अवकाश मान्य होगा. इसके साथ ही बीएड के अलावा बीएड विशेष को भी प्रशिक्षण की योग्यता में शामिल किया गया है.
माध्यमिक, यानी कक्षा 9 व 10 तक के विद्यालय अध्यापक के पद पर विज्ञान समूह में बायोटेक्नोलॉजी या माइक्रो बायोलॉजी के छात्र भी आवेदन कर सकेंगे. विषय समूह-2 में विज्ञान के अंतर्गत पहले जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान व रसायन शास्त्र को रखा गया था. इसमें संशोधन करते हुए दोनों विषयों को जोड़ा गया है. वहीं माध्यमिक विद्यालय अध्यापक के लिए ही विषय समूह-3 सामाजिक विज्ञान के अंतर्गत इतिहास विषय के समकक्ष प्राचीन इतिहास को माना जायेगा.