बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष मोर्चा के राज्यव्यापी आह्वान पर बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग पर बिहार के सभी जिले से हजारों की संख्या में शिक्षकों का जत्था पटना पहुंच गया. अलग-अलग जिलों से आये शिक्षक धरना स्थल पर जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं. शिक्षकों का जुटान सोमवार की शाम से ही होने लगा और जो सुबह तक जारी रहा. इसके बाद पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी. बिहार के सभी शिक्षक सरकार से बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. राजधानी के गर्दनीबाग में नियोजित शिक्षकों के द्वारा धरना -प्रदर्शन स्थल पर राज्य सरकार और विभाग के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जा रही है. शिक्षकों के प्रदर्शन और विधानसभा मार्च को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. शिक्षकों को पटना में प्रद्शन स्थल पर जाने से रोका जा रहा है.
बिहार शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष मंडल सदस्य मार्कंडेय पाठक एवं संघर्ष मोर्चा के नेता एवं टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ (गोपगुट) के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने कहा कि महागठबंधन सरकार को अपने वादे पर कायम रहना चाहिए, अन्यथा शिक्षक सड़क से लेकर, सदन से लेकर न्यायालय तक की लड़ाई लड़ेंगे और अपना हक लेंगे. धरना-प्रदर्शन 11 व 12 जुलाई को जारी रहेगा. 11 जुलाई को विधानसभा घेराव के बाद 12 जुलाई को शिक्षक अपने-अपने क्षेत्र के विधायकों का उनके आवास पर घेराव करेंगे. वहीं बता दें कि शिक्षकों को भाजपा समेत कई पार्टियों का साथ मिल गया है.
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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि मानसून सत्र में भाजपा विधायक-विधान पार्षद भ्रष्टाचार और राजद के 10 लाख लोगों को नौकरी देने के वादे को उठाते रहेंगे. इन्ही मुद्दों को लेकर भाजपा 13 जुलाई को विधानसभा मार्च करने वाली है, जिसमे लाखों लोग सड़कों पर उतर कर बिहार सरकार का विरोध करेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बेरोजगारों की फौज खड़ी कर रही है. भाजपा शिक्षकों के साथ कभी भी नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने 13 जुलाई को होने वाले मार्च के लिए जागरुकता रथ प्रदेश पार्टी कार्यालय से रवाना किया.