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बिहार उपचुनाव: गोपालगंज में ओवैसी ने यूं ही नहीं उतारा उम्मीदवार, समझिये AIMIM कैसे कर सकती है बड़ा खेल

Bihar Upchunav 2022 News: गोपालगंज उपचुनाव का मुकाबला अब दिलचस्प होने वाला है. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने अपना प्रत्याशी उतारकर अब एक अलग ही माहौल बना दिया है. ओवैसी ने इस सीट पर क्यों एंट्री मारी है जानिये...

Bihar By Election 2022: बिहार उपचुनाव (Bihar Upchunav) में गोपालगंज और मोकामा दोनों सीटों पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है. गोपालगंज राजद सुप्रीमो लालू यादव का गृह जिला है. एक तरफ जहां बिहार में सियासी उलटफेर के बाद अब भाजपा और जदयू अलग है तो वहीं राजद के पास अब जदयू का भी साथ है. गोपालगंज (Gopalganj Upchunav) में मुकाबला रोमांचक होने वाला है. राजद और जदयू के अलावे अब बसपा से साधु यादव की पत्नी मैदान में उतर गयी हैं जबकि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम (Aimim In Bihar)ने भी अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारा है.

गोपालगंज में ओवैसी की एंट्री

बिहार में होने वाले उपचुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गयी है. एआइएमआइएम ने भी अब्दुल सलाम मुखिया को गोपालगंज से प्रत्याशी बनाया है. गोपालगंज में ओवैसी की एंट्री ने एक हलचल तेज जरुर कर दी है. बात विधानसभा चुनाव 2020 की करें तो AIMIM ने सीमांचल में अपना जो प्रदर्शन दिखाया था वो बड़े-बड़े सियासी दिग्गजों को हैरान कर गया था.

सीमांचल में दिखा चुके हैं दम

सियासी पंडितों की मानें तो सीमांचल में एआइएमआइएम के प्रदर्शन ने राजद को तब सत्ता से दूर कर दिया था. अब गोपालगंज में ओवैसी की एंट्री हो रही है. तो ये जानना भी बेहद जरुरी है कि आखिर इस सीट पर AIMIM क्यों निशाना साधे हुई है.

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गोपालगंज मेंओवैसी ने क्यों ली एंट्री?

दरअसल, AIMIM को गोपालगंज में बड़ी उम्मीद दिख रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह यहां के मुस्लिम मतदाता हैं जिनकी संख्या यहां सबसे अधिक है. एक अनुमान के तहत इस सीट पर 65000 के आस-पास मुस्लिम मतदाता हैं और ओवैसी की नजर इसी वोट पर है.

AIMIM की एंट्री से किसका नुकसान

अगर बात फायदे और नुकसान की करें तो मुस्लिम वोटर को राजद के ही खाते में गिना जाता है. लेकिन जहां ओवैसी की पार्टी AIMIM मजबूती से अपनी उपस्थिति पेश करती है वहां राजद को बड़ा नुकसान पहले भी हुआ है. बेशक ओवैसी की एंट्री ने आरजेडी की मुश्किल बढ़ाई है.

मुस्लिम वोटरों की संख्या बढ़ी

बताते चलें कि 2011 के परिसीमन के बाद इस क्षेत्र में मुस्लिम वोटरों की संख्या बढ़ी है. पहले जो इलाका हथुआ में आता था अब वो गोपालगंज का हिस्सा बना है. वहीं भाजपा ने इस सीट पर पिछले 4 बार से कब्जा जमाया है. सुभाष सिंह चारो बार यहां से जीत दर्ज करते रहे. भाजपा ने उनकी पत्नी को प्रत्याशी बनाया है. वहीं बसपा से साधू यादव पिछली बार दूसरे नंबर पर रहे थे.

AIMIM का दावा

AIMIM पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने दावा ठोककर कहा है कि गोपालगंज हमारी जमीन है और यहां पर चुनाव को लेकर हमारा संगठन पूरी तरह से जीत हासिल करने के लिए तैयार है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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