बिहार में यूरिया की किल्लत समाप्त होने की ओर है. मुजफ्फरपुर में मंगलवार को रैक प्वाइंट से छह हजार मैट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति की गयी है. कृषि विभाग ने अब पर्याप्त यूरिया के स्टॉक का दावा किया है. यूरिया के वितरण के लिए जिले से लेकर सभी प्रखंड पदाधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है. इसमें वैसे किसानों को ही यूरिया की आपूर्ति की जायेगी, जिनके पास किसान रजिस्ट्रेशन व आधार कार्ड उपलब्ध होगा. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया है कि एक किसान को दो बैग यूरिया उपलब्ध करायी जायेगी.
ऐसे किसान जो बार-बार यूरिया लेकर कालाबाजारी कर रहे हैं, उनकी पहचान के लिए अलर्ट किया गया है. इसकी जवाबदेही कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार को दी गयी है. सभी कृषि समन्वयक अपने कार्य क्षेत्र के दुकान पर मौजूद होकर यूरिया का वितरण करना सुनिश्चित करेंगे. जिला कृषि पदाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं चलेगी. इधर, रैक प्वाइंट पर सुबह के समय खुद जिला कृषि पदाधिकारी ने पहुंच कर जांच की. ट्रैक्टरों से भेजी जा रही यूरिया के चालान की भी छानबीन की. हाल में हर दिन कम मात्रा में यूरिया का आवंटन हो रहा है. लेकिन मांग के बाद पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में यूरिया की आपूर्ति हुई है. जिले में लंबे समय से यूरिया की कालाबाजारी को लेकर किसान काफी परेशान थे.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मांग से अधिक यूरिया देने के बाद भी बिहार के किसानों को यूरिया नहीं मिल रही है. यह काफी दुखद है. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि शराबबंदी के बाद भी बिहार के गांवों में शराब मिल जाती है. लेकिन स्टॉक रहने के बाद भी यूरिया देने में बिहार की सरकार फेल रही है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने भारत सरकार से चार हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद की डिमांड की थी. केंद्र की सरकार ने मांग से अधिक बिहार को 6800 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध करायी. इसके बावजूद जब बिहार के किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल रही है, तो बड़ा दुख होता है. उन्होंने कहा यूरिया खाद को लेकर प्रतिदिन शिकायत मिल रही है. बिहार में खाद की कालाबाजारी हो रही है.