बिहार में अगले 72 घंटे लगातार बारिश का पूर्वानुमान है. छह अगस्त से माॅनसून की ट्रफ लाइन पटना से गुजर रही है. इसकी वजह से बिहार में झमाझम बारिश होते रहने के आसार बने हैं. रविवार को भी पटना सहित बिहार के कई क्षेत्रों में अच्छी खासी बारिश दर्ज की गयी है. पटना में 20 एमएम बारिश दर्ज की गयी. आइएमडी की दीर्घकालीन पूर्वानुमान रिपोर्ट के मुताबिक अगस्त में बिहार में सामान्य या इससे अधिक बारिश के आसार हैं. इस माह अधिकतम तापमान सामान्य और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान है.
आइएमडी के मुताबिक पश्चिमी चंपारण, सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा सहित दक्षिण-मध्य और दक्षिण-पूर्वबिहार के अधिकतर स्थानों पर जबरदस्त बारिश होने के आसार हैं. इस दौरान ठनका गिरने की भी आशंका है.
आइएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक 9 अगस्त के बाद 12 अगस्त तक भी बिहार के अधिकतर क्षेत्रों में बारिश होती रहने का पूर्वानुमान है. बिहार में अभी तक 300 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो कि सामान्य से 46 प्रतिशत कम है.
इधर रविवार को पटना के अलग-अलग क्षेत्राें में रविवार तड़के बारिश होने के बाद दोपहर दो बजे से फिर झमाझम बारिश शुरू हो गयी. लगभग दो घंटे तेजी से बरसने के बाद शाम 4 से 4:30 बजे के बीच यह बंद हो गयी. लेकिन लगभग दो घंटे बंद रहने के बाद फिर से बारिश शुरू हो गयी, जो कभी हल्की, तो कभी तेज गति सेदेर रात तक होती रही. शाम आठ बजे तक 20 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गयी और उसके बाद भी यह रुक-रुक कर जारी रहा.
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दोपहर की तेज बारिश से राजधानी के कई इलाकों में सड़कों पर जलभराव हो गया . गांधी मैदान सर्किल में जेपी गोलंबर के सामने इस दौरान लगभग एक फुट तक पानी दिखा. आयकर गोलंबर के पास होटल पाटलिपुत्रा के पीछे से हाइकोर्ट की ओर जाने वाली सड़क में भी एक फुट तक पानी दिखा. विधानसभा भवन के सामने शहीद स्मारक गोलंबर पर भी आधा फुट से एक फुट तक पानी दिखा. रामकृष्णा नगर, जगनपुरा जैसेनिचले इलाकों में भी कई जगह जलजमाव हुआ. अशोक राजपथ में सड़क के निर्माण कार्य की वजह से टूटे-फूटे होने और उसमें बारिश का जल भर जाने से लोगों को आने- जाने में परेशानी हुई.
बारिश के दौरान कई जगह नगर निगम कर्मी पानी निकालने का प्रयास करते दिखे . इस दौरान विभिन्न वार्डों में नगर निगम की क्यूआरटी सड़कों के पास स्थित मैनहोल का ढक्कन खोलते और कैचपिट को जगाती दिखी. साथ ही निचले इलाकों से सुपर सकर मशीन लगाकर और टयूबवेल की मदद से भी पानी बाहर फेंकने का प्रयास किया जाता रहा. ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन पूरी क्षमता से चलाये गये और उनमें पानी के इनफ्लो व आउटफ्लो की भी निगरानी की गयी. यही वजह रही कि बारिश बंद होते ही पानी तेजी से निकलता दिखा
सात से 11 अगस्त के बीच भागलपुर में आसमान में हल्के बादल छाये रह सकते हैं. 7 से 8 अगस्त के बीच हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के नोडल पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार के अनुसार इस दौरान पूर्वी हवा चलने की संभावना है. हवा की औसत गति 9 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है. तापमान सामान्य रहेगा.
बिहार में बारिश के दौरान नदियों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हो रही है. लगातार अगर तेज बारिश होती है तो बाढ़ का संकट गहरा सकता है. कोसी-सीमांचल की नदियों में उफान है. कटिहार जिले के सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में रविवार को उतार चढ़ाव रहा है. महानंदा नदी का जलस्तर में रविवार को सभी स्थानों पर वृद्धि दर्ज की गयी है. इस नदी का जलस्तर झौआ, बहरखाल, आजमनगर, कुर्सेला, धबोल, दुर्गापुर व गोविंदपुर में बढ़ रही है. हालांकि इस नदी के घटते-बढ़ते जलस्तर से कई क्षेत्रों में कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. दूसरी तरफ गंगा, कोसी व कारी कोसी नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की गयी है. बरंडी नदी अभी शांत है.
पिछले एक सप्ताह तक लगातार बढ़ोतरी के बाद भागलपुर में गंगा नदी के जलस्तर में घटाव शुरू हो गया है. दिन भर में एक तीन सेंटीमीटर तक जलस्तर कम हुआ है. पानी कम होने से गंगा के तटवर्ती गांव के लोगों ने राहत की सांस ली है. केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट की मानें, तो जलस्तर में अभी और कमी आयेगी. बावजूद, इसके गंगा का जलस्तर 31.22 मीटर पर रहा है. वहीं, यह खतरे के निशान से 2.46 मीटर नीचे है. खतरे का निशान 33.68 मीटर निर्धारित है. वहीं बारिश की वजह से पानी का स्तर बढ़ सकता है.
जलस्तर में कमी और बढ़ोतरी के बीच लोगों में बाढ़ आने की आशंका दूर नहीं हो सकी है. लोगों का मानना है कि गंगा नदी में बाढ़ आयेगी. बाढ़ आने से पहले दियारा और निचले इलाके के लोग तैयारी में जुट गये हैं. विक्रमशिला पुल के नीचे का हिस्सा टापू बन गया है. धीरे-धीरे वह हिस्सा भी जलमग्न होने लगा है