Bihar Weather Report: बिहार में मौसम ने करवट ली है और मानसून (Bihar Monsoon ) ने फिर से एंट्री मार दी है. जिसकी वजह से पिछले तीन से चार दिनों के अंदर रूक-रूक कर लगातार बारिश हुई है. प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश (Rain In Bihar) हुई है और जनजीवन प्रभावित हुआ है. बारिश की वजह से कई लोगों की जान भी जा चुकी है. कई विशालकाय पेड़ जमीन पर गिरे तो कई जगहों पर पुल व सड़क ध्वस्त हो गए. बीते 14 सितंबर से शुरू हुई ‘उतरा नक्षत्र’ में बारिश होने के बाद अब ‘हथिया नक्षत्र’ में भी भारी बारिश होने के आसार जताए जा रहे हैं.
बीते 14 सितंबर से शुरू हुई ‘उतरा नक्षत्र’ में जमकर बारिश हुई. खासकर किसानों को खेती के लिए जो पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही थी वो अब खत्म हो गया है. कृषि मामलों के जानकार बताते हैं कि उतरा नक्षत्र का पानी खरीफ के मुख्य फसल धान के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. बाली दे रहे धान की फसल के लिए उतरा नक्षत्र में हो रही बारिश संजीवनी का काम कर रहा है. धान के साथ-साथ अन्य फसलों के लिए भी यह फायदेमंद है. उतरा नक्षत्र में पुरवईया हवा के साथ हो रही बारिश से उमस वाली गर्मी से भी लोगों के साथ-साथ जीव-जंतु व जानवरों को काफी राहत मिली है. गर्मी के कारण मवेशियों में कई तरह की बीमारियां होने लगी हैं. दुधारू पशु दूध कम देने लगती हैं. उतरा नक्षत्र की बारिश व मौसम में हुए ठंडापन से तरह-तरह की फैल रही बीमारियां भी कम होने की संभावना रहती है और दुधारू पशु के दूध में आ रही कमी भी अनुकूल मौसम होने के कारण ठीक होने लगता है, ऐसा माना जाता है.
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लगातार दो दिनों से बारिश के बीच राज्यभर में अभी खेती की जरूरत से 28% कम बारिश हुई है. पूरे राज्यभर में 938.6 एमएम बारिश की आवश्यकता थी. इसमें अब तक 671.4 एमएम ही वर्षा हुई है. पूर्णिया छोड़कर शेष अन्य प्रमंडल में राज्य औसत से कम बारिश हुई है. भागलपुर प्रमंडल में दो फीसदी अधिक बारिश हुई है. पटना प्रमंडल के सभी छह जिले पटना, नालंदा, भोजपुर, बक्सर, रोहतास तथा कैमूर को मिलाकर 36% कम बारिश हुई है. इसमें भोजपुर में 46 तथा पटना में 43% कम बारिश हुई है. मगध प्रमंडल के जिले गया, जहानाबाद, अरवल, नवादा तथा औरंगाबाद को मिलाकर कुल 39% कम बारिश हुई है. मगध प्रमंडल में अरवल में सर्वाधिक कम 41% बारिश हुई है. सारण प्रमंडल के तीनों जिले मिलाकर 40% कम बारिश हुई है. यहां सारण जिले में 41% कम बारिश हुई है. तिरहुत प्रमंडल के मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली को मिलाकर 34% कम बारिश हुई है. इसमें सीतामढ़ी में सबसे 51% कम बारिश हुई है. दरभंगा प्रमंडल के दरभंगा, मधुबनी व समस्तीपुर में 27% कम बारिश हुई है. मुंगेर प्रमंडल के बेगूसराय, मुंगेर, शेखपुरा, लखीसराय, जमुई व खगड़िया मिलाकर कुल 23% कम बारिश हुई है. कोसी प्रमंडल के सहरसा, सुपौल और मधेपुरा में 29% कम बारिश हुई ह
हथिया नक्षत्र 28 सितंबर को चढ़ेगा. हथिया नक्षत्र में भी खूब बारिश होने की उम्मीद है. ऐसे में अभी तीन दिनों की बारिश में कई शहरों की जो स्थिति हो गयी है, अगर लगातार बारिश अभी हुई, तो आने वाले दिनों में शहर और जलमग्न दिख सकते हैं. वर्तमान हालत यह है कि अधिकतर मुख्य सड़कों पर एक से डेढ़ फुट तक पानी जमा होने के साथ स्थिर हो गयी है. वहीं बात किसानों की करें तो शुरुआती बारिश ने धान की खेती कर रहे किसानों के चेहरे पर मुस्कान तो जरूर दी लेकिन अधिक बारिश और तेज हवा ने उनकी चिंता को भी बढ़ाया है.
बता दें कि बिहार के उत्तरी- उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में मानसून अब भी सक्रिय है. मानसून की ट्रफ लाइन पटना से गुजर रही है. साथ ही बिहार के आस-पास के क्षेत्रों में साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी बना हुआ है. इससे राज्य के उत्तर-पूर्व, उत्तर-मध्य और दक्षिण-पूर्व बिहार में कई जगहों पर सोमवार को भी भारी बारिश के आसार हैं. शेष बिहार में कुछ स्थानों पर सामान्य से मध्यम बारिश की संभावना है. हालांकि अब राज्य में बारिश धीरे-धीरे कम होने का पूर्वानुमान है.
मौसम विभाग की ओर से बताया गया कि 25 से 27 सितंबर के बीच भागलपुर व आसपास के जिलों में आसमान में हल्के बादल छाये रहेंगे . 25 से 26 सितंबर के बीच हल्की बारिश की संभावना है . कोसी-सीमांचल क्षेत्र में भी बारिश को लेकर अलर्ट जारी है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, नोडल पदाधिकारी डा. सुनील कुमार ने बताया कि इस दौरान पूर्वी हवा चलने की संभावना है . हवा की औसत गति 8 से 14 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है . तापमान सामान्य रहेगा . किसानों को सलाह दिया जाता है कि इस दौरान फसलों में सिंचाई रोक सकते हैं . इस समय किसी भी प्रकार का छिड़काव न करें .