कोरोना महामारी के बीच मेडिसिन विवाद को लेकर बाबा रामदेव पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने निशाना साधा है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद डॉ संजय जायसवाल ने कहा है कि विगत कुछ दिनों से एक अजीब प्रतियोगिता देख रहा हूं. हर बकवास का जवाब देना कोई आवश्यक नहीं होता है. ज्यादा बोल कर आप किसी को जरूरत से ज्यादा तवज्जो देने लगते हैं. अभी आइएमए भी ऐसा ही कर रहा है. उन्होंने अपने फेसबुक पेज के माध्यम से कहा है कि बाबा रामदेव एक अच्छे योग गुरु हैं पर योगी नहीं हैं. योग के प्रति उनके ज्ञान पर कोई सवाल नहीं उठा सकता, लेकिन योगी उसको कहते हैं जो अपने मस्तिष्क सहित सभी इंद्रियों पर काबू पा ले.
फेसबुक पोस्ट में सांसद ने लिखा है कि योग जीवन में बहुत आवश्यक है क्योंकि यह आपको निरोग रखता है. लेकिन योग चिकित्सा पद्धति नहीं है. हजारों वर्षों से हमारे यहां इलाज के लिए चरक संहिता और सुश्रुत की शल्य क्रिया ही चलती थी. कोई योग गुरु नहीं चलते थे. आयुर्वेद शुरू से सम्मानित रहा है और सम्मानित है. डॉ जायसवाल ने कहा है कि मुझे इस बात का फक्र है कि भारत में आयुर्वेद के द्वारा बहुत सारी बीमारियां भी ठीक होती है, पर हर चिकित्सा पद्धति की अपनी सीमाएं हैं.
योग फिजियोथैरेपी का परिष्कृत रूप है जिसमें आपके आंतरिक स्वास्थ्य का भी संवर्धन होता है. यह उन्ही बीमारियों पर कारगर है जो फिजियोथैरेपी अथवा कसरत से ठीक की जा सकती हैं. इससे ज्यादा कुछ भी समझना अपनी जान को खतरे में डालने वाला होगा. बाबा रामदेव को मैं मजाक में योग का कोका कोला बोलता हूं.
हमारे यहां ठंडे पेय के रूप में सदियों से शिकंजी और ठंडई चलती थी पर हर घर में ठंडा, कोको कोला और पेप्सी के बाद ही रखा जाने लगा. उसी प्रकार भारतवर्ष में हजारों अति विशिष्ट योग साधक रहे हैं जिन्होंने भारतीय संस्कृति एवं जीवन प्रणाली में मूलभूत परिवर्तन किए हैं पर योग को घर-घर पहुंचाने मे बाबा रामदेव के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा है कि मैं आईएमए के सभी मित्रों से अपील करूंगा कि कृपया हम घटियापन में प्रतियोगिता कर अपने वर्षों की साधना को बर्बाद नहीं करें. उन सभी मेडिकल चिकित्सकों जिन्होंने इस करोना काल में जान गंवाई है उनको सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी.
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Posted By : Avinish kumar mishra