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बिहार शिक्षक परीक्षा का रिजल्ट, कट-ऑफ और मेरिट लिस्ट के बारे में जानिए, 8 लाख दावेदारों के बीच होगा घमासान

बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा संपन्न हो चुकी है. अब आठ लाख दावेदारों के बीच घमासान होगा. इस परीक्षा का रिजल्ट कबतक आएगा और कितना कट-ऑफ जा सकता है. साथ ही परीक्षा व भर्ती से जुड़ी कुछ अहम जानकारी भी जानिए. तीन दिनों तक परीक्षा आयोजिक की गयी.

BPSC की ओर से 1.70 लाख शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा शनिवार को समाप्त हो गयी. शिक्षक नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट दो चरणों में आने की संभावना है. पहले चरण का रिजल्ट 20 से 25 सितंबर के बीच आयेगा. परीक्षा में उपस्थिति को देखते हुए उच्च माध्यमिक के लिए एक सीट पर 0.64 दावेदार, माध्यमिक के लिए परीक्षा के बाद एक सीट पर 1.8 दावेदार और प्राथमिक के लिए एक सीट पर 6.55 अभ्यर्थी दावेदार हैं. यह परीक्षा 23 से 26 अगस्त के बीच 38 जिलों के 876 केंद्रों पर आयोजित की गयी.

आठ लाख अभ्यर्थी शामिल हुए

बिहार शिक्षक परीक्षा में आठ लाख अभ्यर्थी शामिल हुए. बीपीएससी के सचिव रवि भूषण ने कहा कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2023 के अंतिम दिन शनिवार को राज्य के चार जिलों में दो पालियों में 110 केंद्रों पर कुल 84500 अभ्यर्थी शामिल हुए. उपस्थिति करीब 95% रही. तीसरे दिन कुल सात नकलची की पहचान की गयी. इसमें छह की पुष्टि हुई और सातवें की जांच चल रही है. वहीं, तीन दिनों में 43 नकलचियों की पहचान की गयी है.

मेरिट लिस्ट के बारे में जानिए

बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि डीएलएड और बीएड डिग्रीधारी प्राथमिक शिक्षकों का मेरिट लिस्ट एक साथ ही बनेगा. लेकिन डीएलएड डिग्रीधारियों का रिजल्ट 20 से 25 सितंबर के बीच में आयेगा. इसी प्रथम चरण में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों का रिजल्ट भी आ जायेगा. इसी के साथ सफल अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी शुरू हो जायेगा. बीएड डिग्रीधारियों का रिजल्ट तब तक नहीं आयेगा जब तक उनकी पात्रता संबंधी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो जाती है.

जानिए कटऑफ कितना रह सकता है?

बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के अंतिम दिन पहली पाली में नौवीं से 10वीं और दूसरी पाली में 11वीं से 12वीं के अभ्यर्थी शामिल हुए. पटना में पहली पाली में 29 केंद्रों पर 22870 व दूसरी पाली में 21 केंद्रों पर 16793 परीक्षार्थियों को शामिल होना था. पटना में उपस्थिति 90 प्रतिशत के आसपास रही. परीक्षा देकर निकले अभ्यर्थियों ने बताया कि कई प्रश्न पत्र सिलेबस से बाहर के थे, जिससे परेशानी हुई. विश्व इतिहास से अधिक प्रश्न पूछे गये थे, जिससे परेशानी हुई. अन्य प्रश्न सामान्य स्तर के थे. प्रतियोगिता परीक्षा के विशेषज्ञ गुरु रहमान ने बताया कि प्रश्न पत्र पहले दिन के मुकाबले सामान्य स्तर के थे. अगर पूरे प्रश्न पत्र का आकलन करें तो प्रश्न पत्र नौवीं से 10वीं स्तर के ही थे. साहित्य के पेपर की बात करें तो प्रश्न पत्र सिलेबस से आधारित नहीं था, जिससे छात्र-छात्राओं को दिक्कत का सामना करना पड़ा. परीक्षा देने के बाद परीक्षा केंद्र पर मायूसी अभ्यर्थियों के चेहरे पर साफ झलक रही थी.

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